नई दिल्ली । केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन षि कानूनों पर विचार के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने गुरुवार को वर्चुअल बैठक की। इसमें कमेटी ने किसान यूनियनों से आग्रह किया कि वे इन कानूनों के बारे में खुलकर अपनी राय रखें।
यह बैठक दिल्ली स्थित एनएएसी कॉम्प्लेक्स पूसा में आयोजित की गई थी। इसमें विभिन्न किसान व षक संघों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की गई। इसमें कमेटी के सदस्यों के अलावा आठ राज्यों-कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना, तमिलनाडु व उत्तर प्रदेश के 10 विभिन्न किसान संगठनों ने भाग लिया।
चर्चा के दौरान कमेटी के सदस्य अनिल घनवट, डॉ़ अशोक गुलाटी व प्रमोद जोशी ने किसान नेताओं से तीनों षि कानूनों पर खुले मन से चर्चा करने का आग्रह किया। उनके आग्रह पर किसान नेताओं ने इन कानूनों को लेकर खुलकर अपना पक्ष रखा।
बैठक को लेकर मिली खबरों में कहा गया है कि किसान यूनियनों ने चर्चा में हिस्सा लिया और अपनी राय व सुझाव खुलकर कमेटी के सदस्यों के सामने रखे।बता दें, इन कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर जारी किसान आंदोलन को दो माह हो चुके हैं। सरकार के साथ दस दौर की वार्ता के बाद भी अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका है। सुप्रीम कोर्ट ने जहां षि विशेषज्ञों की कमेटी बनाई है और कानून के अमल पर रोक लगाई है, वहीं केंद्र सरकार ने किसानों को डेढ़ साल तक इन कानूनों पर रोक का ताजा प्रस्ताव दिया है। सरकार के ताजा प्रस्ताव पर किसानों का मंथन जारी है।