सुरेंद्र लाल आर्य को मिला सरला बहिन स्मृति सम्मान

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : कण्वाश्रम ग्राम स्वराज समिति व अखिल भारतीय वैश्य महासंगठन की ओर से कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान गांधी जी की शिष्य सरला बहिन की 123वीं व पूर्व उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम की 116वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम के दौरान समाज सेवा के लिए डा. सुरेंद्र लाल आर्य को सरला बहिन स्मृति सम्मान दिया गया।
शुक्रवार को नजीबाबाद रोड स्थित एक बारातघर में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सदस्यों ने सरला बहिन व पूर्व उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम के चित्र पर पुष्प अर्पित करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। सर्वोदय सेविका शशिप्रभा रावत ने कहा कि हमें महापुरुषों के बताए मार्ग पर चलना चाहिए। उन्होंने युवाओं से महापुरुषों के जीवन में लिखी पुस्तकों का अध्ययन करने की भी अपील की। इस दौरान कार्यक्रम में समाजसेवा के लिए डा. सुरेंद्र लाल आर्य को सरला बहिन स्मृति सम्मान दिया गया। डा. नंदकिशोर ढौंडियाल ‘अरुण’ ने कहा कि गांधी जी की अंग्रेज शिष्या सरला बहिन, जिनका पूर्व नाम कैथरीन मैरी हेईलमैन था वह गांधी जी के विचारों से पूर्ण सहमत थीं। उनका कहना था कि हम अंग्रेजों को भारत स्वतंत्र कर देना चाहिए। भारतीयों को अपना राजकाज खुद चलाने देना चाहिए। वे अपने ही देश के विरुद्ध हो गई थीं। साहित्यकार योगेश पांथरी ने कहा कि पूर्व उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम की विशेषता थी कि वे केंद्र सरकार के जिस भी विभाग के मंत्री रहे वह विभाग खूब फला-फूला। वह एक आदर्श पुरूष थे। इस मौके पर सत्यप्रकाश थपलियाल, जनार्दन प्रसाद बुडाकोटी, राकेश कुमार अग्रवाल, चक्रधर शर्मा ‘कमलेश’, डॉ. गीता रावत शाह, योगेश पांथरी, अनिल सिंघल, गोपाल बंसल आदि मौजूद रहे।

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