स्वाभिमान मोर्चा लड़ेगा महिलाओं के अधिकारों की लड़ाई

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विकासनगर। उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा की सेलाकुई में हुई बैठक में प्रदेश के राजनैतिक हालातों पर चर्चा की गई। वक्ताओं ने कहा कि प्रदेश के वर्तमान राजनैतिक हालात चिंताजनक हैं। भाजपा और कांग्रेस अपने स्वार्थ साधने में लगी हुई है, जबकि जनता दुश्वारियों से जूझ रही है। बैठक के दौरान कई महिलाओं ने मोर्चा की सदस्यता ली। मोर्चा के अध्यक्ष निरंजन चौहान ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हालात चिंताजनक बने हुए हैं। महिलाओं पर हो रही हिंसक घटनाओं में भाजपा के कई नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं। महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर कांग्रेस भी सरकार को घेरने में असफल साबित हो रही है। विधानसभा सत्र के दौरान भी महिला सुरक्षा को लेकर विपक्ष की ओर से गंभीरता नहीं दिखाई गई, जबकि सरकार भी इस मुद्दे पर मौन है। अब महिलाएं खुद ही अपनी आवाज बुलंद करते हुए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने को तैयार हो गई हैं। उन्होंने कहा कि स्वाभिमान मोर्चा महिलाओं की सुरक्षा और अधिकार की लड़ाई में उनके साथ खड़ा है। महिलाओं की सुरक्षा का आंदोलन उत्तराखंड के भविष्य की रक्षा के लिए जन आंदोलन का रूप लेगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के साथ ही सशक्त भू-कानून, स्थानीय बाशिंदों के हक हकूकों की रक्षा के लिए भी आंदोलन शुरू किया जाएगा। इस दौरान मोर्चा की महिला विंग अध्यक्ष आशा रावत, उमा पंवार, सैन सिंह रावत, तारा सिंह, नरेंद्र सिंह नेगी, कविता कंडारी, अनीता नेगी, मनीषा बिष्ट, वंदना रावत, सुनीता नेगी, मधु बिष्ट, सुशीला पटवाल, पिंकी आदि मौजूद रहे।

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