स्वच्छ शहर के सपने को गंदगी का ग्रहण
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। स्वच्छ व सुंदर शहर के सपने को गंदगी का ग्रहण लग गया है। इसके लिए अकेले नगर निगम नहीं बल्कि शहरवासी भी जिम्मेदार हैं। एक तरफ जहां नगर निगम शहरी सुविधाएं बहाल करने में अक्षम साबित हो रहा है, वहीं लोग भी जहां-तहां गंदगी का ढेर जमा कर शहर को गंदा करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे है।
निर्धारित जगह से कूड़े का सही ढंग से उठाव नहीं होना भी एक कारण है। ऐसी स्थिति में शहर के कई इलाके उचित सफाई से महरूम हैं। यद्यपि, कुछ इलाकों में नियमित सफाई जरूर होती है, लेकिन अधिकांश जगहों पर सफाई के नाम महज खानापूर्ति ही होती है। यही वजह है कि शहर में गंदगी फैली हुई है। कोटद्वार में कूड़ा निस्तारण के लिए स्थाई जगह नहीं है। पूर्व में नगर पालिका के दौरान खोह नदी किनारे कूड़ा निस्तारण के लिए अस्थाई ट्रेचिंग ग्राउण्ड बनाया गया। इस ट्रेचिंग ग्राउण्ड में नगर पालिका के ग्यारह वार्डों का कूड़ा डाला जाता था, लेकिन कूड़ा निस्तारण के लिए पर्याप्त व्यवस्था न होने से टे्रचिंग ग्राउण्ड के बाहर भी कूड़े का ढेर लगा रहता था। वर्ष 2018 में प्रदेश सरकार ने भाबर की करीब 35 ग्राम सभाओं को शामिल कर नगर निगम कोटद्वार का गठन किया गया। नगर निगम में 40 वार्ड बनाये गये। नगर निगम बनने के बाद लोगों में सफाई व्यवस्था सुधरने की उम्मीद थी, लेकिन नगर निगम बनने के बाद भी शहर में कूड़े की व्यवस्था सुधरने की बजाय और भी बिगड़ने लगी। शहर में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे होना आम बात है। मुख्य सड़कों व चौराहों में कूड़े के ढेर लगे होने से जहां शहर की छवि खराब हो रही है, वहीं राहगीरों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
विभिन्न सामाजिक संगठन के अलावा स्थानीय लोग पिछले काफी समय स्थाई टे्रचिंग ग्राउण्ड के लिए शासन-प्रशासन से जमीन उपलब्ध कराने की मांग कर रहे है, लेकिन अभी तक जमीन उपलब्ध नहीं हो पाई है। वर्तमान में नगर निगम की ओर से भाबर सिडकुल में ट्रेचिंग ग्राउण्ड के लिए जमीन चिन्हित की गई है। लेकिन वहां भी स्थानीय लोग ट्रेचिंग ग्राउण्ड का विरोध कर रहे है।
सिगड्डी में जमीन मिलने की संभावना
कूड़ा निस्तारण के लिए अब भाबर क्षेत्र में सिडकुल में नगर निगम की ओर से जमीन चिन्हित की गई है। नगर निगम की ओर से उक्त जमीन को सर्वे भी कर दिया गया है। विगत 20 अगस्त को प्रदेश के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक और वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने संबंधित अधिकारियों को छत्तीसगढ़ की दर्ज पर कोटद्वार नगर निगम क्षेत्र में कूड़ा निस्तारण के लिए योजना बनाने के निर्देश दिये थे।
कई जगहों पर नहीं है डस्टबीन
पूर्व पालिका अध्यक्ष श्रीमती रश्मि राणा के कार्यकाल में सार्वजनिक स्थलों के अलावा सरकारी कार्यालयों के बाहर छोटे-छोटे डस्टबीन लगाये गये थे। वर्तमान में नगर निगम कार्यालय, सीओ कार्यालय, पोस्ट ऑफिस सहित अन्य मुख्य स्थानों से डस्टबीन गायब हो गये है। नगर निगम बनने के बाद मुख्य स्थानों पर बड़े-बड़े डस्टबीन रखे गये, लेकिन सड़क किनारे रखे गए डस्टबीन का भी उचित इस्तेमाल नहीं हो रहा है। एक से दो किलोमीटर की दूरी पर एक डस्टबीन होने से लोग घर या सड़क व नाले में ही कूड़े को फेंके देते हैं। उचित सफाई के अभाव में सड़कों पर कूड़े का ढेर जमा हो जाता है, फिर नाली जाम की समस्या भी खड़ी हो जाती है। मालगोदाम रोड, गाड़ीघाट तिराहा, देवी मंदिर तिराहा, पदमपुर तिराहा सहित अन्य जगहों में हर समय कूड़े का ढेर लगा रहता है।
क्या कहते है नगर आयुक्त
नगर आयुक्त पीएल शाह का कहना है कि स्थाई ट्रेचिंग ग्राउण्ड के लिए सिगड्डी में भूमि चयनित की गई है। आगे की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने लोगों से घर का कूड़ा सड़क व नाली में न फेंकने की अपील करते हुए कहा कि घर के गीले और सूखे कचरे के लिए अलग-अलग डस्टबीन रखें। कूड़ा नगर निगम की ओर से लगाये गये डस्टबीन एवं कूड़ा गाड़ी में ही डाले।