जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। आर्य गिरधारी लाल महर्षि दयानंद ट्रस्ट ने स्वामी स्व. योगानन्द महाराज की प्रथम पुण्य तिथि पर उनका भावपूर्ण स्मरण किया। ट्रस्ट के लोगों ने उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धाजंलि दी।
ट्रस्ट के पदमपुर सुखरो स्थित कार्यालय में आयोजित बैठक में ट्रस्ट के अध्यक्ष समाजसेवी सुरेन्द्र लाल आर्य ने कहा कि वर्ष 4 फरवरी 2020 को स्वामी योगानन्द महाराज ने अपने आश्रम उरलीकांचन पुणे महाराष्ट्र में अंतिम सांस ली। उन्होंने आर्य समाज धामावाला देहरादून से 17 वर्ष की उम्र में ही महर्षि दयानंद सरस्वती को समझना शुरु किया, तत्पश्चात वे सर्वोदय से प्रभावित हो गए। जीवन के अंतिम पड़ाव में उन्होंने उरलीकांचन पुणे (महाराष्ट्र) में साम्ययोग मिसन न्यास समन्वय तीर्थ एवं विश्व मानव चेतना मंदिर की स्थापना की, जिसमें चंद्रशेखर कोठारी, गोपाल गेरकर, सुरेश सेठ धमेचा, अतुल कांबले, दत्तू कांचन आदि की मुख्य भूमिका रही। उनके पुत्र सत्यव्रत पंत ने गत वर्ष ही स्वामी का जीवन दर्शन प्रकाशित किया है व उनके विचारों का प्रवाह कर रहे हैं। इस मौके पर कैप्टन (रिटायर) पीएल खंतवाल, शूरवीर खेतवाल, चक्रधर शर्मा कमलेश, महेन्द्र कुमार अग्रवाल, सत्यप्रकाश थपलियाल, अधिवक्ता जगमोहन भारद्वाज, मोहन सिंह भारतीय, सतीश कुमार, विकास आर्य, शिव कुमार आदि उपस्थित रहे।