जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : लगता है सरकारी सिस्टम को गांव में रह रहे ग्रामीणों के हितों से कोई मतलब नहीं रह गया है। तभी तो दो दिन से विकासखंड पोखड़ा के दर्जनों गांव अंधेरे में डूबे हुए हैं और अब तक लाइन मरम्मत की सुध तक नहीं ली गई है। अंधेरे में जंगली जानवरों का खतरा बना हुआ है। ग्रामीणों ने जल्द समस्या का निराकरण नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
पाखेड़ा के नौगांव, कासाणी, मटगल, बगड़ी, असलखेत, सकनोली, नौखौली, भैसोड़ा, दीवाधार, सिलत सहित अन्य गांव में पिछले दो दिन से विद्युत आपूर्ति ठप पड़ी हुई है। नतीजा, शाम ढलते ही पूरे गांव अंधेरे में डूब जाते हैं। ग्रामीण अनूप बहुखंडी ने बताया कि विद्युत बहाली के लिए कई बार ऊर्जा निगम को सूचना दे चुके हैं। लेकिन, अब तक समस्या जस की तस बनी हुई है। बताया कि अंधेरे में जंगली जानवरों का खतरा बढ़ गया है। जबकि, कई गांव के आसपास लगातार गुलदार की भी धमक बनी हुई है। ऐसे में यदि रात के अंधेरे में कोई घटना हो जाती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। बताया कि वर्तमान में कई प्रवासी अपने गांव भी आए हुए हैं। ऐसे में ग्रामीणों के साथ ही प्रवासी भी परेशान हो रहे हैं। गांव के ग्रामीणों के विद्युत उपकरण केवल शोपीस बनकर रह गए हैं। कहा कि यदि जल्द से जल्द विद्युत आपूर्ति बहाल नहीं की गई तो ग्रामीण आंदोलन को मजबूर होंगे। ग्रामीणों की अनदेखी किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।