देहरादून(। राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने उत्तराखंड में फर्जी स्थायी निवास प्रमाणपत्र और फर्जी जाति प्रमाणपत्र बनाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि इसके लिए पटवारी, तहसीलदार और उप जिलाधिकारी (एसडीएम) स्तर के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। आरोप लगाया कि उनकी मिलीभगत से फर्जी दस्तावेज तैयार हो रहे हैं। यह प्रथा राज्य के स्थानीय युवाओं के अधिकारों पर हमला है। उन्होंने बताया कि चमोली जिले में नाबालिग छात्रा के यौन शोषण के आरोपी गेस्ट टीचर का मामला सिर्फ एक आपराधिक घटना नहीं, बल्कि फर्जीवाड़े की जड़ें जमा चुकी प्रशासनिक समस्या का प्रतीक है। आरोपी मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जलालाबाद का निवासी होने के बावजूद चमोली का स्थायी निवास और ओबीसी प्रमाणपत्र प्राप्त कर सरकारी शिक्षक पद पर नियुक्त हो गया। यह मामला पटवारी से लेकर तहसीलदार और एसडीएम तक की लापरवाही या साठगांठ को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि पुराने प्रमाणपत्रों की जांच, डिजिटल सत्यापन प्रक्रिया और इंटर स्टेट डेटाबेस इंटीग्रेशन को अनिवार्य बनाया जाए।