जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : मूल रूप से ग्राम नौदानू निवासी हवलदार कमल सिंह की पत्नी व दोनों बच्चे कोटद्वार के पदमपुर में किराए के कमरे में रहते हैं। कमल सिंह प्रतिदिन अपनी पत्नी को फोन कर बच्चों के बारे में पूछा करते थे। सोमवार दोपहर करीब एक बजे उन्होंने अपनी पत्नी को वीडियो कॉल किया था। उन्होंने पत्नी को बताया था कि वह गश्त पर निकल रहे हैं। लेकिन, चंद घंटे के बाद ही देर शाम को उनके बलिदान की सूचना मिली।
कमल सिंह 22 गढ़वाल राइफल में तैनात थे। 20 जून को ही वह क्षेत्र में संपन्न हुई पूजा में शामिल होकर वापस ड्यूटी पर लौटे थे। मां भारती के लिए शहीद हुए कमल अपने घर के इकलौता चिरागा थे। उनकी तीन बहने हैं। जिनकी शादी पूर्व में हो चुकी है। कुछ वर्ष पूर्व कमल के पिता का देहांत हो गया था। घर पर उनकी माता और दादी रहती है। अपनी दोनों बेटियों को बेहतर शिक्षा देने के लिए इस गर्मी में ही कमल ने अपने बच्चों को कोटद्वार शिफ्ट किया था। मां भारती के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले कमल गांव में भी सबके चहेते थे। उनके बलिदान की खबर से पूरे गांव में शोक की लहर हैं। हर कोई बलिदानी के अंतिम दर्शन के लिए उनके गांव पहुंच रहा है।
नवंबर में हुई थी शहीद अनुज नेगी की शादी
जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में सेना के गश्ती दल पर हुए आतंकी हमले में शहीद हुए प्रखंड रिखणीखाल के अंतर्गत ग्राम डोबरिया निवासी अनुज नेगी के परिवार में मातम का माहौल छाया हुआ है। अनुज के घर में उनके माता-पिता, पत्नी व छोटी बहन हैं। बीते वर्ष नवंबर माह में अनुज का विवाह हुआ था। अनुज मई माह के अंत में ही छुट्टी काटकर ड्यूटी पर वापस लौटे थे। बलिदान की खबर के बाद उनके घर में कोहराम मच गया है। उनके स्वजन का रो-रोकर बुरा हाल है।
कोटद्वार पहुंचे पार्थिव शरीर
जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में शहीद हुए अनुज नेगी व कमल सिंह का पार्थिव शरीर देर शाम सेना के हॉलीकॉप्टर से कोटद्वार पहुंचा। ग्रास्टनगंज स्थिति मैदान में लैंसडौन विधायक दिलीप रावत व भाजपा जिलाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह रावत सहित सैना के अधिकारियों ने वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके उपरांत पार्थिव शरीरों को राजकीय बेस चिकित्सालय कोटद्वार में रखा गया। यहां से बुधवार सुबह शहीदों के गांव उनके पार्थिव शरीर को पहुंचाया जाएगा।