कोटद्वार-पौड़ी

अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ टूट किसानों के हितों पर चोट

Spread the love
Backup_of_Backup_of_add

नई टिहरी। उतराखंड किसान सभा की टिहरी जिला कौंसिल ने केन्द्र की मोदी सरकार के चना, दाल, बादाम, अखरोट, सेब, बोरिक एसिड और डाइग्नोस्टिक सहित विभिन्न अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ कम करने के फैसले को भारतीय किसानों व उपभोक्ताओं के हितों पर चोट बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की है। किसान सभा ने कहा कि सरकार के इस कदम से भारतीय बाजार अमेरिकी उत्पादों से पट जायेंगे। प्रेस को जारी विज्ञप्ति में किसान सभा के जिला अध्यक्ष भगवान सिंह राणा और जिला सचिव पाल सिंह कठैत ने कहा कि मोदी सरकार ने यह फैसला विश्व व्यापार संगठन में लंबित व्यापार विवाद को सुलझाने के नाम पर लिया है। जबकि सर्वविदित है कि अमेरिका व यूरोपीय संघ अपने लाभ के लिए विश्व व्यापार संगठन के विवाद समाधान तंत्र का उपयोग कर रहे हैं। किसान सभा ने विश्व व्यापार संगठन से षि के क्षेत्र को इससे बाहर करने की मांग की है। किसान सभा नेताओं ने कहा कि एक अमेरिकी किसान को 61,286 डलर की सब्सिडी मिलती है, जबकि एक भारतीय किसान को मात्र 282 डलर की। बावजूद अमेरिका व यूरोपीय संघ यहां के किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की प्रणाली से वंचित करना चाहते हैं। ऐसे में अमेरिकी व भारतीय किसानों के बीच किसी भी प्रकार की प्रतियोगिता की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। उस पर अमेरिकी उत्पादों पर शुल्कों में कटौतियां, भारतीय किसानों के हितों के आत्मसमर्पण के सिवा और कुछ नहीं है। कहा कि वर्ष 2020 से मुक्त व्यापार समझौते के नाम पर अमेरिका के लिए भारतीय बाजार के दरवाजे पोल्ट्री व डेयरी उत्पादों के लिए खोलने के दुष्परिणाम सामने आये हैं। क्योंकि भारतीय किसानों की आय में 25 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। अब सेब, दाल आदि में शुल्कों की कटौती से किसानों की बदहाली और बढ़ेगी। किसान सभा ने केन्द्र सरकार से भारतीय किसानों का अहित करने वाले मुक्त व्यापार समझौते न करने की अपील की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!