‘पत्नी को ताना मारना, टीवी देखने नहीं देना क्रूरता नहीं हो सकती’, बॉम्बे हाई कोर्ट का बड़ा फैसला
नई दिल्ली। बॉम्बे हाई कोर्ट ने शनिवार को एक हैरान करने वाला फैसला दिया। बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा है कि पत्नी को ताना मारना, उसे अकेले मंदिर नहीं जाने देना या कालीन पर सुलाना आईपीसी की धारा 498ए के तहत ‘क्रूरता’ नहीं माना जा सकता।
2004 में ट्रायल कोर्ट ने दोषी ठहराया था
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के अनुसार, कोर्ट ने आईपीसी की धारा 498ए और 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत दोषी ठहराए गए एक व्यक्ति और उसके परिवार को बरी कर दिया। कथित तौर पर उनकी हरकतों की वजह से 2002 में एक महिला ने आत्महत्या कर ली थी। बेंच आरोपी की अपील पर मामले की सुनवाई कर रही थी, जिसे अप्रैल 2004 में ट्रायल कोर्ट ने दोषी ठहराया था।