सुरंग खुदाई के लिए देवप्रयाग पहुंची टीबीएम मशीन
नई टिहरी।ाषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के तहत देश की सबसे लंबी सुरंग की खुदाई के लिए जर्मनी से पहुंची टीबीएम(टनल बोरिंग मशीन) ने देवप्रयाग पहुंचने के बाद यहां सफलता पूर्वक रामकुंड पुल पार कर लिया। रेलवे की ओर से पौड़ी-देवप्रयाग मार्ग को 25 से 27 जुलाई तीन दिन तक बंद रखा गया था। इस दौरान दो सौ टन की इस अत्याधुनिक टनल बोरिंग मशीन के लिए रामकुंड पुल की भार क्षमता का परीक्षण भी किया गया था। शनिवार को सौड़, देवप्रयाग में बनने वाली देश की सबसे बड़ी 14़8 किमी की रेल सुरंग की खुदाई के लिए टीबीएम मशीन का एक पार्ट देवप्रयाग पहुंच गया। रेल परियोजना की निर्माण एजेंसी एलएनटी की ओर से पिछले साल जर्मनी की हेरान कम्पनी से टीबीएम की दो मशीनें बनाने के लिए करार किया गया था। जिसके बाद समुद्री रास्ते से यह मशीन गुजरात पहुंची। जहां से मशीन का एक पार्ट देवप्रयाग के लिए रवाना किया गया था। रेलवे परियोजना के वरिष्ठ प्रबन्धक ओपी मालगुडी के अनुसार जर्मनी से दो हिस्सों में पहुंची टीबीएम मशीनों के सौड़ गांव पहुंचने के बाद इन्हें दोबारा जोड़ा जाएगा। जिसके बाद ज्ञानसू तक सुरंग के 11 किमी हिस्से की खुदाई टीबीएम से की जाएगी। जो एक हफ्ते में 42 से 70 मीटर तक की खुदाई करेगी। जबकि सुरंग का शेष 3़8 किमी हिस्सा परंपरागत ड्रिल व ब्लास्ट तकनीक से तैयार होगा। उनके अनुसार सौड़ से ज्ञानसू तक स्लेटी, फिलाइट चट्टान होने से यहां टीबीएम से सुरंग बनाने का निर्णय लिया गया था। साल के अंत तक रेलवे की ओर से टीबीएम से सौड़ गांव में सुरंग खुदाई का काम शुरू किए जाने की सम्भावना है। 16 हजार करोड़ से अधिक की लागत की 125 किमीाषिकेश- कर्णप्रयाग रेल परियोजना में टीबीएम के इस्तेमाल के बाद इसके निर्माण में काफी तेजी आने की उम्मीद है। शनिवार को थाना बाह बाजार एसओ सुनील पंवार की अगुवाई में पुलिस टीम ने यातायत व्यवस्था बनाते हुए टीबीएम को सफलता पूर्वक रामकुंड पुल करवाया गया। यहां से सौड़ गांव दो कि मी की दूरी पर है। भारी वजन के चलते टीबीएम को यहां एक किमी पार करने में दो से ढाई घंटे लगे।