उत्तराखंड

दृष्टिबाधित संस्थान की छात्रा से टेड़छाड़ में शिक्षक और उप प्राचार्य को सजा

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देहरादून। दून के राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान (एनआईईपीवीडी) में छात्रा के यौन शोषण के दोषी तत्कालीन संगीत शिक्षक सुचित नारंग को कोर्ट ने बीस साल कठोर करावास की सजा सुनाई है। फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज पंकज तोमर ने दोषी पर कुल 60 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। केस में आरोपी को बचाने में मदद की दोषी की तत्कालीन उप प्राचार्य अनुसूया शर्मा को कोर्ट ने छह महीने की सजा सुनाने के साथ ही पांच हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है।
शासकीय अधिवक्ता किशोर कुमार सिंह ने बताया कि 18 अगस्त को राजपुर थाने में बाल आयोग की तरफ से केस दर्ज कराया गया। आरोप था कि एनआईईपीवीडी (उस वक्त संस्थान का नाम एनआईवीएच) के तत्कालीन संगीत शिक्षक सुचित नारंग निवासी वासु एस्टेट जाखन ने संस्थान की नाबालिग छात्रा का यौन शोषण किया। पुलिस ने जांच के बाद चार्जशीट में सुचित मुख्य आरोपी बनाने के साथ ही संस्थान की तत्कालीन निदेशक अनुराधा डालमिया, पूर्व उप प्राचार्या ड़ अनुसूया शर्मा, संस्थान कर्मचारी तेजी और लखनऊ के जिस आश्रम से पीड़ित छात्रा को एनआईवीएच में पढ़ाई के लिए भेजा गया था, उसकी संचालिका पूर्णिमा को भी सह आरोपी बनाया था। कोर्ट सुचित और तत्कालीन उप प्राचार्य अनुसूया शर्मा निवासी इंजीनियर्स एंक्लेव जाखन को दोषी मना। जबकि, अन्य तीन को बरी कर दिया।

 

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