अशासकीय जूनियर और प्राथमिक स्कूलों के शिक्षक-कर्मचारी वेतन संकट में नहीं मना रहे दीवाली

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देहरादून। राज्य सहायता प्राप्त जूनियर और प्राथमिक स्कूलों के शिक्षक-कर्मचारियों को दो महीने से वेतन नहीं मिला है। दीवाली पर बिना वेतन हजारों शिक्षक-कर्मचारियों की दीवाली के त्योहार पर भी असर पड़ा है। उत्तराखण्ड माध्यमिक शिक्षक संघ ने वेतन नहीं मिलने पर गहरी नाराजगी जताई है। सरकार ने कुछ दिन पहले ही अशासकीय माध्यमिक स्कूलों के लिए करीब तीन अरब रुपये का बजट जारी किया। लेकिन राज्य सहायता प्राप्त जूनियर और प्राइमरी स्कूलों में दो महीने से वेतन नहीं आया है। इन स्कूलों के वेतन भत्तों के लिए 80 करोड़ रुपये की दरकरार है। मामला शासन स्तर पर लटका हुआ है। रविवार को उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री डॉ. महावीर सिंह बिष्ट की अध्यक्षता में ऑनलाइन बैठक में वेतन नहीं मिलने पर आक्रोश व्यक्त किया गया। वक्ताओं ने कहा कि शासन और वित्तीय प्रशासन की नकारात्मक रवैये के कारण शिक्षक-कर्मचारी आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। दीपावली जैसे त्यौहार पर भी वेतन नहीं मिलने से हजारों परिवार निराशा में हैं। प्रान्तीय महामन्त्री डॉ. महावीर सिंह विष्ट ने कहा कि अगर शीघ्र वेतन संकट दूर नहीं हुआ तो संगठन व्यापक आंदोलनात्मक करने के लिए बाध्य होगा। प्रान्तीय अध्यक्ष स्वतन्त्र मिश्रा ने कहा कि राज्य सहायता प्राप्त विद्यालयों के वेतन की स्थाई व्यवस्था होनी चाहिए। ऑनलाइन बैठक में जिलाध्यक्ष पौड़ी भारत विष्ट, जिलामंत्री संदीप रावत, अनिल चमोली, केशर कोठियाल, प्रांतीय प्रवक्ता कैलाश थपलियाल, यतेन्द्र गौड़, संदीप मैंदोला, शशि भूषण अमोली, संजय रावत, कैलाश चन्द्र, राधा कृष्ण वल्लभ ममगाई समेत अन्य मौजूद रहे।

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