श्रीनगर गढ़वाल : नगर निगम के रेवड़ी कांडई टीचर्स कॉलोनी में लगातार भू-धंसाव होने से आवासीय मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होते जा रहे हैं, जिससे वहां रह रहे अन्य परिवार भी डरे सहमे अपने दिन गुजार रहे हैं। भू-धंसाव की चपेट में आने के कारण पांच से छह आवासीय भवन जर्जर हो चुके हैं। परिवारों द्वारा जिंदगीभर की कमाई से बनाए गए यह भवन अब धीरे-धीरे भू-धंसाव की चपेट में आने से जमींदोज होने की कगार पर हैं। दिन में अपने उजड़ते घरों को निहारते और रातों को किराए के कमरों में काटते इन प्रभावित परिवारों को अब भविष्य की चिंता सताने लगी है। टीचर्स कालोनी क्षेत्र में पिछले एक हफ्ते से हो रहा भू-धंसाव दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। मकानों में आयी दरारें अब और चौड़ी होती जा रही हैं। प्रभावित मकानों को खाली कर किराए के कमरों में रहने को मजबूर हैं। बढ़ता भू-धंसाव अब इन मकानों को कभी भी जमींदोज कर सकता है। प्रभावित वासुदेव कंडारी ने कहा कि वह 2004 से इस क्षेत्र में रह रहे हैं। धीरे-धीरे मेहनत कर मकान बनाया। सामान्य परिवार से होने के कारण पूरी जिंदगी की कमाई घर बनाने में लगाई, लेकिन रेल सुरंग निर्माण के दौरान कंपनी ने मानकों की अनदेखी करते हुए भारी विस्फोट किए, जिससे जमीन खिसकने लगी। अब हालात इतने बिगड़ गए हैं कि घर रहने योग्य नहीं रहे। भारती गुसाईं ने बताया कि पिछले वर्ष ही मकान की मरम्मत पर 8 से 10 लाख रुपये खर्च किए थे, लेकिन एक साल भी नहीं बीता कि पूरा मकान भू धंसाव की चपेट में आ गया। कहा कि यदि प्रभावितों को पर्याप्त मुआवजा नहीं मिला तो उन्हें आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। (एजेंसी)