शिक्षकों ने सीखे नाटक से शिक्षा को आसान बनाने के गुर

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की ओर से पदमपुर सुखरौ जूनियर हाई स्कूल में शिक्षकों के लिए ड्रामा इन एजुकेशन विषय पर आयोजित तीन दिवसीय ग्रीष्मकालीन कार्यशाला का सोमवार को समापन हो गया। कार्यशाला में शिक्षकों ने शारीरिक भाव-भंगिमाओं के माध्यम से शिक्षण की गहन जटिलताओं के बारे में जाना। साथ ही विभिन्न आयु वर्ग के व्यक्तियों का चलने के तरीके और कहानी को भाव-भंगिमाओं के माध्यम से छात्रों के सम्मुख रखने के बारे में भी जाना।
कार्यक्रम में गणेश बलूनी और विकास बड़थ्वाल ने कहा कि अक्सर नाटक को एक अलग इकाई माना जाता है और इस तथ्य की अनदेखी की जाती रही है कि नाटक एक शैक्षणिक उपकरण की भांति कार्य कर सकता है। आज जब कोरोना की भीषण महामारी के बाद शिक्षा में हुई अधिगम क्षति को पाटने की बात की जाती है, तब शिक्षण में ड्रामा महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। कार्यशाला में प्रतिभाग कर रहे सभी शिक्षकों ने योजनाओं का निर्माण किया और उन योजनाओं में ड्रामा का उपयोग करते हुए छात्रों के लिए उपयोगी गतिविधियों का निर्माण किया।
कार्यशाला में राजीव थपलियाल, जसपाल असवाल, मोहन सिंह गुसाईं, सुनील पंवार, हर्षमणि नौडियाल, सुधा बलोधी, आशा बुडाकोटी, सीमा नेगी, भारती नेगी, पूरन सिंह रावत, अजेश कुमार, मनमोहन नेगी, रूपेश कुमार, शैलजा जोशी, अनीता खंतवाल, महेंद्र राणा, लक्ष्मी नैथानी, नीरज कोटनाला, उमेश वर्मा, मोनिका रावत, सरिता मैंदोला, सुमन लता, मोहिनी नौडियाल, राजेश चन्द्र आदि उपस्थित रहे।

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