देहरादून(। प्रधानाचार्य भर्ती को रोकने व प्रमोशन-तबादले जल्द कराने की मांग को लेकर शिक्षकों ने प्रदेश भर में सीईओ दफ्तरों में प्रदर्शन कर धरना दिया। एक सितंबर से माध्यमिक शिक्षा निदेशालय पर छह दिवसीय धरना-प्रदर्शन शुरू किया जाएगा। संघ के आह्वान पर शिक्षकों ने बुधवार को प्रदेश भर में एक साथ सभी सीईओ दफ्तरों पर नारेबाजी के साथ प्रदर्शन करते हुए सरकार से तत्काल तीन सूत्री मांगों पर कार्यवाही की मांग की। राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानाचार्य का पद शतप्रतिशत पदोन्नति का पद है। सरकार इसे विभागीय भर्ती के जरिए भरने की जिद पर अड़ी है। यदि सरकार चाहे तो प्रमोशन के सभी विवादों का हल निकाल कर प्रमोशन के जरिए सभी रिक्त पदों को भर सकती है। लेकिन अफसरों के भ्रामक तथ्यों में फंसकर सरकार शिक्षक विरोधी फैसला लेने पर आमादा है। यह स्वीकार नहीं किया जा सकता। संघ के प्रदेश महामंत्री रमेश चंद्र पैन्यूली ने कहा कि एक सितंबर से निदेशालय पर जिलावार संघ कार्यकारिणियां आंदोलन करेंगी। एक सितंबर को देहरादून, बागेश्वर और रुद्रप्रयाग के शिक्षक धरना देंगे। दो सितंबर को टिहरी, चंपावत, तीन सिंतबर को हरिद्वार, नैनीताल, चार सितंबर को पौड़ी, पिथौरागढ़ के शिक्षक धरने पर बैठेंगे। पांच और छह को अवकाश की वजह से कार्यक्रम स्थगित रहेगा। इसके बाद आठ सितंबर को उत्तरकाशी, अल्मोड़ा और नौ सितंबर को चमोली, यूएसनगर के शिक्षकों की बारी होगी। इस अवधि में शिक्षक किसी भी प्रशिक्षण अथवा खेलकूद प्रतियोगिता में भाग नहीं लेंगे। चौहान और पैन्यूली ने कहा कि यदि तब भी सरकार ने कोई सकारात्मक निर्णय नहीं किया तो शिक्षक आरपार की लड़ाई शुरु कर देंगे।
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सरकार और विभाग शिक्षकों की मांगों पर गंभीर है। उनकी कई लंबित मांगों पर कार्यवाही की भी गई है। प्रमोशन, तबादला पर भी कार्यवाही जारी है। प्रधानाचार्य भर्ती में भी विभागीय शिक्षकों को ही अवसर दिया जा रहा है। शिक्षकों को छात्र हित में तत्काल आंदोलन वापस लेते हुए स्कूलों में विधिवत रूप से पढ़ाई शुरू करानी चाहिए। – डॉ. मुकुल कुमार सती ,माध्यमिक शिक्षा निदेशक