जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : राजकीय शिक्षक संघ से जुड़े शिक्षकों ने शिक्षक दिवस के अवसर पर शुक्रवार को प्रांतीय नेतृत्व के आह्वान पर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आक्रोश रैली निकाली।
जिलामंत्री विजेंद्र बिष्ट के नेतृत्व में लालबत्ती चौक से तहसील तक मौन जुलूस निकाला। तहसील पहुंचकर जुलूस सभा में बदल गया। इस अवसर पर पूर्व जिलामंत्री मनमोहन सिंह चौहान ने कहा कि आज शिक्षक दिवस के अवसर पर जहां आज शिक्षकों का सम्मान होना चाहिए था, वहीं शासन व विभागीय अधिकारियों के नकारात्मक रवैये के कारण शिक्षकों को अपने अधिकारों की लड़ाई के लिए सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ा। कहा कि प्रदेशभर में लगभग 90 प्रतिशत राजकीय विद्यालय प्रधानाचार्य विहीन है। विद्यालय का वरिष्ठ शिक्षक ही प्रभारी प्रधानाचार्य सहित अपने विषय का शिक्षण, लिपिक यहां तक की चतुर्थ श्रेणी के कार्य कई दायित्वों का निर्वहन कर रहा है, जिससे शिक्षण कार्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। हालत यह है कि शिक्षक जिस पद पर नियुक्त हो रहे हैं उन्हें मायूस होकर उसी पद से सेवानिवृत होना पड़ रहा है। लंबे समय से दुर्गम में सेवाएं दे रहे शिक्षक स्थानांतरण के इंतजार में बैठे हैं। उक्त मांगों के लिए संगठन कई बार शासन व विभागीय अधिकारियों से वार्ता कर चुका है, परंतु शासन के नकारात्मक रवैये के कारण शिक्षकों को आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। चेतावनी दी कि यदि मांगों का शीघ्र कोई समाधान नहीं होता तो शिक्षक शिक्षण कार्य करते हुए गैर शैक्षणिक कार्यों का बहिष्कार करते रहेगें। तत्पश्चात सक्षम अधिकारियों के माध्यम से प्रशासन को ज्ञापन प्रेषित किया गया। मौन जुलूस में संजय रावत, विजेंद्र तोमर, नीरज कमल, पी.एल बडोला, अब्बल सिंह रावत, गणेश पसबोला, पंकज ध्यानी, डबल सिंह रावत, कुलदीप सिंह नेगी, धीरेंद्र सिंह रावत, आशीष खर्कवाल, धर्मेंद्र नेगी, प्रमिला बिष्ट, चित्रा रावत, हरीश जोशी, सुरेंद्र रावत, युगजीत सेमवाल, संदीप बिष्ट, जगमोहन गुसांई आदि शिक्षक शामिल रहे।