उत्तराखंड

विशेषज्ञों की टीम करेगी क्षतिग्रस्त सिग्नेचर पुल की जांच

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रूद्रप्रयाग : नरकोटा के पास निर्माणाधीन सिग्नेचर पुल के क्षतिग्रस्त होने के बाद अब विभागीय स्तर से इसकी जांच होगी। एनएच लोनिवि इसकी जांच आईआईटी या एनआईटी के विशेषज्ञों से कराएगी ताकि पुल टूटने के कारणों का पता लग सके। साथ ही प्रशासन के द्वारा भी स्थानीय कमेटी इस मामले की जांच कर रिर्पोट जिलाधिकारी को सौपेंगी।
बीते दिन नरकोटा में 110 मीटर स्पान और 29 मीटर चौड़ा सिग्नेचर पुल का इरेक्शन एलीमेंट टूटने के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था। इस पुल का 77 फीसदी काम भी पूरा हो गया था,जबकि अगस्त में पुल एसम्बलिंग का काम पूरा होना जाना था। अब पुल को बनने में 6 महीने से भी अधिक का समय लग सकता है। एनएच के अधिशासी अभियंता तनुज काम्बोज ने बताया कि विभागीय स्तर से आईआईटी या एनआईटी के विशेषज्ञों से पुल की जांच कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि इसके बाद ही कारणों की सही ढंग से जानकारी मिल पाएगी। इधर, उप जिलाधिकारी आशीष घिल्डियाल ने बताया कि प्रशासन स्तर से स्थानीय स्तर पर जांच कमेटी गठित की जाएगी जो पुल के क्षतिग्रस्त होने की जांच कर रिर्पोट जिलाधिकारी को सौपेंगी। वहीं दूसरी ओर पुल के दूसरी बार क्षतिग्रस्त होने से स्थानीय लोगों में भी आक्रोश है। नरकोटा के ग्राम प्रधान चन्द्रमोहन, स्थानीय निवासी दीपक सिलोड़ी, संदीप आदि ने कहा कि पुल निर्माण से ही इस पर सुरक्षा को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई दी गई। पूर्व में भी शटरिंग टूटने से यहां जन हानि हुई। जबकि एशिया का पहला सिग्नेचर पुल इसे बताया जा रहा है बावजूद पुल का क्षतिग्रस्त होना लापरवाही को दर्शा रहा है। (एजेंसी)

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