उत्तराखंड

बदरीनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों ने की घंटाकरण मंदिर में पूजा-अर्चना

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नई टिहरी। श्री बदरीश पंडा पंचायत प्रतिनिधि मंडल ने कीर्तिनगर क्षेत्र स्थित घंटाकरण देवता की पूर्ण कुंभीय जात में प्रतिभाग किया। उन्होंने देश, प्रदेश, तीर्थक्षेत्रों की सुरक्षा, सुख और समृद्घि के लिए घंटकर्ण मंदिर में पूजा अर्चना की। पंडा पंचायत के प्रतिनिधियों ने कहा कि बदरीनाथ धाम व देवप्रयाग में तीर्थ पुरोहित समाज द्वारा घंटाकरण देवता की रक्षक देवता के रूप में प्राचीन काल से पूजा होती रही है।
कीर्तिनगर की लोस्तु पट्टी स्थित घण्डियारधार में घंटाकर्ण देवता का मूल स्थान माना जाता है। 12 साल बाद बीते नौ जनवरी से घंटकर्ण की पूर्ण कुंभीय जात का आयोजन चल रहा है। पंडा पंचायत अध्यक्ष प्रवीन ध्यानी ने बताया कि घंटाकर्ण देवता के दर्शन पूजन के बिना कोई भी तीर्थ पुरोहित बदरीनाथ धाम की यात्रा नहीं करता है। घंटाकर्ण कुंभीय जात में बदरीनाथ धाम तीर्थपुरोहित समाज के प्रतिनिधि के तौर पर श्री बदरीश पंडा पंचायत के प्रतिनिधि मंडल ने भाग लिया है। घंटकर्ण मंदिर के मुख्य पुजारी पं़ दिनेश जोशी, मंदिर समिति के अध्यक्ष कैप्टन सते सिंह भंडारी, व्यवस्थापक सरोप सिंह, दर्शन सिंह आदि ने श्री बदरीश पंडा पंचायत प्रतिनिधि मंडल के तौर पहुंचे तीर्थ पुरोहितों का स्वागत किया। मंदिर समिति से जुड़े लोगों ने तीर्थ पुरोहितों से घंटाकर्ण देवता का पूरे भारत में प्रचार-प्रसार हेतु सहयोग मांगा। जात में योगाचार्य भास्कर जोशी, पंडा पंचायत उपाध्यक्ष सुधाकर बाबुलकर, सचिव रजनीश मोतीवाल, राजेश पालीवाल, अशोक टोडरिया, मदन लाल डंगवाल, विद्यार्थी पालीवाल, राकेश कोटियाल, मोहित ध्यानी, सुधांशु, हरिदास आदि शामिल थे।

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