राजकीय इंटर कॉलेज कोटद्वार के भवन की स्थिति हुई खराब
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : सरकारी विद्यालयों की स्थिति में सुधार के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन, धरातल की स्थिति कुछ और ही बयां कर रही है। हालत यह है कि गढ़वाल के प्रवेश द्वार कोटद्वार के प्रसिद्ध राजकीय इंटर कॉलेज कोटद्वार का भवन जर्जर स्थिति में पहुंच चुका है। शिक्षक व बच्चे छाता खोलकर शिक्षा की पाठशाला संचालित कर रहे हैं। ऐसे में विद्यार्थियों की जान को भी खतरा बना हुआ है। लेंटर और दीवारें कब भरभराकर नीचे आ जाये कुछ कहा नहीं जा सकता है
कोटद्वार के नजीबाबाद चौराहे के समीप संचालित हो रही विद्यालय में वर्तमान में 416 छात्र और 90 छात्राएं अध्ययनरत हैं। इसके साथ ही लगभग 42 लोगों का स्टाफ है। विद्यालय प्रशासन जीर्ण-शीर्ण भवनों की मरम्मत कराने की लगातार मांग करता आ रहा है। लेकिन जिम्मेदार तंत्र सुध लेने को तैयार नहीं है। कुछ साल पूर्व मंडी समिति की ओर से इसकी डीपीआर बनाकर शासन को भेजी भी गई थी, लेकिन फाइल अब तक शासन में धूल फांक रही है। बारिश के मौसम में स्कूल की छत से पानी टपकना और सीमेंट का झड़ना आम बात हो गई है। स्कूल का एक हिस्सा इतना जर्जर हो चुका है कि उसका उपयोग पूरी तरह बंद कर दिया गया है। छत से गिरते प्लास्टर और सीमेंट के टुकड़े छात्रों के लिए जानलेवा खतरा बन गए हैं। बारिश के दौरान फर्श पर काई जम जाती है, जिससे फिसलने का खतरा भी रहता है। यहां शौचालय की स्थिति भी दयनीय बनी हुई है, जिससे छात्रों को परेशानी होती है। विद्यालय के प्रधानाचार्य मोहन सिंह रावत ने बताया कि बिल्डिंग की हालत काफी जर्जर बनी हुई है और किसी भी वक्त कोई बड़ा हादसा होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। बताया कि समग्र शिक्षा को चार कक्षा कक्षों के निर्माण का प्रस्ताव भेजा गया है।