आंदोलनकारियों ने उठई चिह्निकरण की मांग
उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानी मोर्चा ने दिया धरना
जन्यत प्रतिनिधि।
पौड़ी। उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानी मोर्चा ने धरना देते हुए आंदोलनकारियों के चिह्निकरण की मांग उठाई। कहा कि पूर्व में कई बार समस्या को उठाने के बाद भी इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा। ऐसे में आंदोलनकारियों में सरकार के खिलाफ रोष बना हुआ है।
मंगलवार को मोर्चे के अध्यक्ष महेंद्र सिंह रावत की अगुवाई में कोटद्वार और दुगड्डा से चिह्नीकरण की मांग को लेकर आंदोलनकारी पौड़ी पहुंचे। इस मौके पर मोर्च ने डीएम को ज्ञापन भी दिया। पौड़ी कलक्ट्रेट के बाहर स्व. हेमवती नंदन बहुगुणा मूर्ति स्थल पर धरना देते हुए आंदोलनकारियों ने कहा कि जिले में बहुत आवेदन लंबित चल रहे है। जिनका चिह्नीकरण नहीं हो पा रहा है। स्थानीय एलआईयू का कहना है कि प्रक्रिया के तहत 1998 व 2005 में डेली डायरियां अब मुहैया नहीं हो सकती है। इनको महकमे ने नष्ट कर दिया। कहा कि शासनादेश के तहत डीएम अपने विवेक से उस रिकार्ड को ले सकते है जिसकी पुष्टि हो सकती है। लंबित आवेदनों में जो अभिलेख है उनकी प्रमाणिकता की जांच की जा सकती है। जिसमें तत्कालीन समय में आंदोलनकारी संगठनों के रजिस्टर प्रिंट मीडिया की छाया प्रति आदि शामिल है। डीएम को ज्ञापन देते हुए मांग की गई है कि लंबित आवेदनों का समय से निस्तारण कर चयन किया जाए। धरना देने वालों में मनमोहन बिष्ट, शंकर सिंह, शौकाल अली, महेश कुकरेती, नंदा बिष्ट, देशबंधु कुकरेती, लक्ष्मी बिष्ट, संजय सिंह, ऊषा भट्ट, पुरुषोत्तम डबराल, दिनेश चंद्र गौड, पवन गौड, सतीश चंद्र, चंद्र मोहन, गुलाब बिष्ट आदि शामिल रहे।