आंदोलनकारियों ने जलाई शासनादेश की प्रतियां
चिन्हिकरण नहीं होने पर शासन-प्रशासन के खिलाफ किया प्रदर्शन
जल्द चिन्हिकरण नहीं होने पर दी प्रदेश स्तरीय आंदोलन की चेतावनी
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। शासनादेश जारी होने के बाद भी राज्य आंदोलनकारियों का चिन्हिकरण नहीं होने पर उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानी मोर्चा ने रोष व्यक्त किया है। आंदोलनकारियों ने शासनादेश की प्रतियां जलाते हुए जल्द आंदोलनकारियों की चिन्हिकरण की मांग उठाई। कहा कि यदि जल्द चिन्हिकरण प्रक्रिया शुरू नहीं की गई तो आंदोलनकारी प्रदेश स्तरीय आंदोलन करेंगे।
गुरूवार को उत्तराखंड राज्य निर्माण सेनानी मोर्चा ने अपनी मांगों को लेकर तहसील परिसर में प्रदर्शन किया। आंदोलनकारी महेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों की ओर से पिछले कई वर्षों से चिन्हिकरण की मांग की जा रही है,लेकिन अभी तक सरकार की ओर कोई भी सकरात्मक कार्यवाही नही की गई। कहा कि 16,17 नवंबर को आंदोलनकारियों द्वारा पौड़ी मुख्यालय में धरना प्रदर्शन कर जिलाधिकारी से वार्ता भी की गई। जिलाधिकारी की ओर से आश्वासन दिया गया था की तीन दिन के अंदर चिन्हिकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी, लेकिन एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी संबंध में कोई कार्यवाही नही की गई। जिलाधिकारी कार्यालय से आंदोलनकारियों को बताया गया कि पौड़ी जिले में चिन्हिकरण के लिए कोई भी आवेदन नहीं मिला है। जबकि, वर्ष 2017 में जिले के 846 आंदोलनकारियों ने चिन्हिकरण के लिए आवेदन किया था। कहा कि शासन-प्रशासन की ओर से चिन्हिकरण के नाम पर केवल गुमराह किया जा रहा है। शासनादेश जारी होने के बाद भी चिन्हिकरण प्रक्रिया शुरू नहीं होने से आंदोलनकारियों में रोष बना हुआ है। इस मौके पर पे्रम सिंह विंदवाल, महेंद्र सिंह रावत, हरी सिंह रावत, कमल किशोर खंतवाल, नरेश वडोला, किशोरी लाल, विनोद कुमार नैथानी, राम कुमार महेश्वरी, कमला शाह, भागीरथी रावत, राजेश्वरी रावत, कृष्णा रावत, इच्छा नेगी, कमला चौहान, मुन्नी कंडवाल, आशा डबराल, शकुंतला डोभाल, पार्वती देवी, मुन्नी डोभाल, विद्यावती कोटनाला, रत्ना देवी, राज कुमार गुप्ता, मोहन लाल प्रजापति, राकेश लखेड़ा कल्पेश्वरी, इंदू गौड़, गोदांबरी गौड़ लक्ष्मी रावत, उर्मिला जोशी, नंदा बिष्ट, रीना गुंसाई, मंजुला नेगी, संजर्य ंसह रावत, गुलाब सिंह मुन्नी डुकलान, अन्य लोग उपस्थित थे।