तहसीलदार पर लगाया अभद्रता का आरोप, एसडीएम का किया घेराव
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। कोटद्वार बार एसोसिएशन से जुडे़ अधिवक्ताओं ने तहसीलदार पर अधिवक्ता आशुतोष कंडवाल के साथ अभद्रता करने का आरोप लगाते हुए उपजिलाधिकारी योगेश मेहरा का घेराव किया। हालांकि, उपजिलाधिकारी कार्यालय में दोनों पक्षों से हुई वार्ता के बाद मामला शांत हो गया। उपजिलाधिकारी योगेश मेहरा ने तहसीलदार को अपने कक्ष में बुलाया व दोनों पक्षों से वार्ता की। वार्ता के दौरान तहसीलदार ने अपने व्यवहार पर खेद जताया, जिसके बाद अधिवक्ता शांत हो गए।
अधिवक्ता आशुतोष कंडवाल ने कहा कि उन्होंने कुछ दिन पूर्व तहसील कार्यालय में खाता खतौनी में नाम दर्ज करवाने के लिए एक फाइल जमा की। कई दिन बीतने के बाद भी जब फाइल पर हस्ताक्षर नहीं हुए वह गत गुरूवार की सांय तहसील में आरके सेक्सन में अपनी दाखिल खारिज पत्रावली के बारे में जानकारी लेने गये थे। इस दौरान कार्यालय में तहसीलदार भी मौजूद थे। पत्रावलियों के बारे में जानकारी लेने पर तहसीलदार द्वारा उन्हें बताया गया कि हमारे पास दाखिल खारिज के लिए समय नहीं है। जिस पर उन्होंने कहा कि जब वह मकान की रजिस्ट्री की जांच और खनन की जांच लगातार कर रहे हैं तो सप्ताह में एक दिन दाखिल खारिज पत्रावली के लिए भी निर्धारित किया जाय। इतने में तहसीलदार भड़क गये और कहने लगे कि मैं नहीं करता दाखिल खारिज उन्हें जो करना है कर ले और मेरी शिकायत कर लो। अधिवक्ता आशुतोष कंडवाल ने आरोप लगाया कि तहसीलदार ने कर्मचारियों से कहा कि उन्हें कार्यालय से तुरन्त बाहर करो और उन्हें कार्यालय से बाहर करवा दिया गया। उन्होंने कहा कि वह तहसीलदार के इस तरह के व्यवहार से आहत है। वह विगत 17 साल से वकालत का व्यवसाय कर रहे है और एपीओ लैंसडौन के पद पर भी कार्य कर चुके है। उन्होंने कहा कि तहसीलदार का व्यवहार कतई जनहित के कार्यों में नहीं है।
अधिवक्ता आशुतोष कंडवाल ने बताया कि इस संबंध में उपजिलाधिकारी कोटद्वार योगेश मेहरा से वार्ता की गई। इस दौरान एसडीएम ने कहा कि तहसीलदार भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति नहीं करेगें और अपने व्यवहार में सुधार लायेगें। एसोसिएशन के अध्यक्ष किशन पंवार, मुकेश कपटियाल, पंकज भट्ट, आशुतोष देवरानी, जितेंद्र चौहान, अखिलेश घिल्डियाल, प्रवेश रावत सहित अन्य अधिवक्ता मौजूद रहे।