उत्तराखंड

संवेदना समूह के कलाकारों ने बांधा दर्शकों का समां

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उत्तरकाशी। उत्तरकाशी जिले की स्थापना दिवस के मौके पर डुंडा में आयोजित पांच दिवसीय विकास एवं सांस्तिक मेले के अंतिम दिन लोक नाट्य दल संवेदना समूह के कलाकारों के नाम रहा। इस मौके पर समूह के कलाकारों ने गढ़वाली एवं कुमांउनी गीतों की प्रस्तुती के साथ ही मां रेणुका व कचडूं देवता की स्तुती गाकर पंडाल में बैठे दर्शकों का समा बांधे रखा।
मां रेणुका संस्ति एवं पर्यावरण संरक्षण समिति की ओर से डुंडा में आयोजित पांच दिवसीय विकास एवं सांस्तिक मेले की पांचवे दिन मंगलवार को लोक नाट्य दल संवेदना समूह के कलाकारों ने कार्यक्रम का शुभारंभ मां रेणुका देवी व क्षेत्र के अराध्य कचड़ू देवता गीत की स्तुती से की। वहीं इस के बाद समूह के कलाकारों ने कुमांऊ एवं गढ़वाल की लोक संस्ति पर आधारित रासौ नृत्य करने के साथ ही लोक गीत तेरी मेरी माया का गीत, तेरी कानों की बाली, हे नंदा ढोल दमाऊ बाजी आदि गीतों की प्रस्तुती दी और पंडाल में बैठे दर्शकों की खूब तालियां बटोरी।
इस मौके पर बतौर मुख्यतिथि पहुंचे पूर्व विधायक गंगोत्री विजय पाल सिंह सजवाण एवं कर्नल दीपक पाटिल ने किया। इस मौके पर उन्होंने मां रेणुका देवी मंदिर में पूजा अर्चना की ओर क्षेत्रवासियों की सुख, समृद्घि एवं खुशहाली की कामना की। कहा कि गत वर्ष 8 पूर्व तत्कालीन प्रमुख कनक पाल व ठाकुर स्व. गजेन्द्र पाल परमार के सहयोग से इस मेले की नींव रखी गई थी। जिसको आज स्वास्थ्य जागरूकता एवं विकास मेले के रूप में हर वर्ष संचालित किया जा रहा है। वहीं मेला समिति के अध्यक्ष राजदीप परमार ने मेला समापन के अवसर पर समिति के पदाधिकारियों सदस्यों एवं ग्रामीणों का आभार जताया और आगामी वर्षों में मेले को और भव्य स्वरूप प्रदान करने के बात की।
इस मौके पर समिति के संरक्षक ठाकुर महेन्द्र पाल परमार, जिला पंचायत उपाध्यक्ष कविता परमार, पदम दत्त जोशी, जय प्रकाश राणा, अजय नौटियाल, सुशील जोशी, राजेन्द्र भट्ट,संवेदना समूह के संजय पंवार, सुधा, अंजलि, स्वाती, दीपा गुसांई, अंकित, राजेन्द्र जोशी सहित सैकड़ो मेलार्थी मौजूद रहे।

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