मणिपुर में कर्नल के काफिले पर किया गया हमला था सुनियोजित
नई दिल्ली: मणिपुर में घात लगाकर किया गया हमला एक सुनियोजित अटैक था, जिसे बेहद सटीकता के साथ अंजाम दिया गया। हमले में कर्नल विप्लव देव, उनकी पत्नी, बेटे और चार जवान मारे गए। इनके अलावा छह घायल भी हुए हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक पूर्वोत्तर में ऐसा हमला काफी लंबे समय बाद हुआ है, जिसमें परिवार के सदस्यों को भी निशाना बनाया गया हो। माना जा रहा है कि हमले को अंजाम देने वाले उग्रवादी म्यांमार से भारत में घुसपैठ कर के आए थे। हालांकि, इस हमले ने एक बार फिर से पूर्वोत्तर में सुरक्षा स्थिति को लेकर खतरे की घंटी जरूर बजा दी है।
सूत्रों के मुताबिक एके-47 असॉल्ट राइफल, मशीन गन, एंटी-टैंक माइन और ग्रेनेड जैसे चीन के बनाए हथियार लगातार म्यांमार पहुंच रहे हैं। जहां से वे सीमा पार से भारतीय चरमपंथियों के हाथ में आ रहे हैं। उग्रवादियों को पकड़ने के लिए एक तरफ बड़ा अभियान शुरू कर दिया है तो वहीं, दूसरी तरफ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, आर्मी चीफ जनरल एम एम नरवणे और अन्य शीर्ष अधिकारियों को घात लगाकर किए गए इस हमले की पूरी जानकारी दी गई है।
वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, ‘घात लगाकर किए गए इस हमले के बाद पूर्वोत्तर क्षेत्र में चरमपंथी समूहों से निपटने की रणनीति पर एक बार फिर से विचार करने की जरूरत पड़ेगी।’ बता दें कि कर्नल त्रिपाठी, उनका परिवार और उनकी क्विक रिएक्शन टीम चार गाड़ियों के काफिले के साथ शुक्रवार को असम राइफल बटालियन की फॉरवर्ड पोस्टिंग के दौरे पर गई थी। यह फॉरवर्ड पोस्ट बेहियांग इलाके में थी, जो कि म्यांमार सीमा के करीब है।