सनातन संस्कृति का मूल आधार ’’वसुधैव कुटुम्बकम’’ : धामी
योग आज दुनिया के करोड़ों लोगों की दिनचर्या का अहम हिस्सा
जयन्त प्रतिनिधि।
देहरादून : योग दिवस की बधाई देते हुये मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी गौरवशाली सनातन संस्कृति का मूल आधार ’’वसुधैव कुटुम्बकम’’ है और यही हमारे देश की 140 करोड़ जनता का मूल संस्कार भी है, जो सम्पूर्ण विश्व को एक परिवार का रूप मानता है। इसी सिद्धांत को केंद्र में रखते हुए इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम ’’वसुधैव कुटुम्बकम के लिए योग’’ तय की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री और महान योग साधक नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आज भारत एवं भारतीय संस्कृति का मान, सम्मान और स्वाभिमान संपूर्ण विश्व में बढ़ रहा है तथा भारत विश्व गुरू के पद पर पुन: आरूढ़ होने के लिए तैयार हो रहा है। अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस इसका एक सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, योग गुरु स्वामी रामदेव, आचार्य बाल कृष्ण ने कुमाऊंनी रामायण का विमोचन भी किया। साथ ही प्रतिदिन योग करने एवं नशे से दूर रहने का संकल्प भी दिलाया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को 9वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर पतंजलि योगपीठ फेज-2 हरिद्वार के मैदान में आयोजित कार्यक्रम में योगाभ्यास किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मंत्रोच्चारण के बीच दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अनेकों वैश्विक चुनौतियों और षड्यंत्रों का सामना करने के बावजूद भारत ने कभी भी मानवीय मूल्यों से हटकर आचरण नहीं किया और हमारी इस लोक कल्याणकारी अवधारणा का आधार हमारी संस्कृति है, जिसके मुख्य स्तंभों में से एक योग भी है। इसी वजह से योग आज दुनिया के करोड़ों लोगों की दिनचर्या का अहम हिस्सा बन गया है जो विश्व को भारतीय संस्कृति के साथ और अधिक प्रगाढ़ता से जोड़ने का काम कर रहा है। भारत की संत परंपरा हमेशा से ही ’’देश प्रथम’ की परिकल्पना को साकार करने का माध्यम रही है और पंतजलि योगपीठ की स्थापना भी इसी उद्देश्य के लिए हुई है। योगगुरू स्वामी रामदेव ने भारत को पुन: विश्वगुरू बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय चेतना को जगाने का कार्य किया है।
मुख्यमंत्री ने कोराना काल का जिक्र करते हुये कहा कि योग भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है और कोरोना महामारी के दौरान हम सभी योग के महत्व से परिचित भी हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि दौड़ भाग की जिन्दगी में चुनौती के साथ तनाव भी हैं तथा इस तनाव को दूर करने का साधन योग है, जिसे उत्तरोत्तर आगे बढ़ाने में पतंजलि का महत्वपूर्ण योगदान है। योग गुरु स्वामी बाबा रामदेव ने कार्यक्रम का शुभारम्भ सूक्ष्म व्यायाम से किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का उल्लेख करते हुये कहा कि यह इतिहास की पहली घटना है कि प्रधानमंत्री आज शाम को यू.एन.ओ. के हेडक्वार्टर में योग करेंगे। उन्होंने अष्टांग योग- (यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, समाधि) ताड़ासन, सूर्य नमस्कार, योगिंग-जोंगिंग, भस्त्रिका प्रणायाम, कपालभाती, अनुलोम-विलोम, मण्डूक आसन, पवन मुक्त आसन, शीतली, मकर आसन, भुजंग आसन, शीर्षासन, सर्वांग आसन, चक्रासन आदि का अभ्यास कराते हुये योग के महत्व के साथ-साथ पंतंजलि की विकास यात्रा पर भी विस्तृत प्रकाश डाला। इस मौके पर आचार्य बालकृष्ण, जिलाधिकारी धीराज सिंह गब्र्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह, मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन, संयुक्त मजिस्ट्रेट रूड़की अभिनव शाह, एसडीएम भगवानपुर बृजेश तिवारी, एसडीएम लक्सर विजयनाथ शुक्ल बड़ी संख्या साधू-सन्त, छात्र-छात्राएं आदि उपस्थित थे।