अकलनंदा-मंदाकिनी संगम स्थल का सौन्दर्यीकरण कार्य हुआ शुरू
रुद्रप्रयाग। मुख्यालय स्थित अकलनंदा-मंदाकिनी संगम स्थल का सौन्दर्यीकरण का कार्य शुरू हो गया है। शासन से स्वीत 1 करोड़ 2 लाख रुपये की लागत से यहां 32 मीटर लंबा एवं 8 मीटर चौडा गंगा आरती परिसर सहित कई निर्माण कार्य होंगे। इससे नगर में प्रमुख धार्मिक स्थल को पर्यटन और तीर्थाटन का बेहतर लाभ मिलेगा। संगम स्थल के सौन्दर्यीकरण के लिए कार्यदायी संस्था ग्रामीण निर्माण विभाग द्वारा आचार संहिता से पूर्व टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी जिस पर अब निर्माण कार्य शुरू हो गया है। बताते चलें कि जून 2013 में आई केदारनाथ आपदा से संगम स्थल के क्षेत्र को काफी क्षति पहुंची थी। यहां करीब 15 फीट ऊंची प्राचीन नारदशिला भी जल प्रलय की भेंट चढ़ी थी। जबकि चामुंडा मंदिर की साइट दीवारों को भी नुकसान पहुंचा। इससे पर्यटकों के साथ ही यात्री एवं स्थानीय लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वर्ष 2019 में तत्कालीन डीएम मंगेश घिल्डियाल के निर्देश पर संगम के सौन्दर्यीकरण के लिए सिंचाई विभाग रुद्रप्रयाग ने 82 लाख का आंगणन तैयार कर शासन को भेजा गया था, किंतु इसे स्वीति नहीं मिल सकी। इसके बाद 2021 में फिर से सिंचाई विभाग ने रिवाइज एस्टीमेट भेजा। नवम्बर माह में संगम स्थली के सौन्दर्यीकरण के लिए शासन स्तर से 1 करोड़ 2 लाख का बजट स्वीति हुआ। योजना में नदी किनारे से कलम के सहारे 32 मीटर लंबा एवं 8 मीटर चौडा गंगा आरती मंच तैयार किया जाएगा। रेंलिंग निर्माण के साथ फर्स पर टायल, चामुंडा मंदिर परिसर के सौन्दर्यीकरण सहित कई जरूरी काम होंगे। कार्यदायी संस्था ग्रामीण निर्माण विभाग को शासन स्तर से निर्माण के लिए चालू वित्तीय वर्ष में 80 लाख की टोकन मनी भी जारी कर दी गई है। नगर पालिका के वार्ड सभासद सुरेंद्र रावत ने बताया कि केदारनाथ आपदा के बाद अलकनंदा-मंदाकिनी संगम स्थल के सौन्दर्यीकरण के लिए उन्होंने काफी प्रयास किया। वर्ष 2019 से वह लगातार इस कार्य के लिए संघर्ष कर रहे थे। कहा कि इस कार्य से रुद्रप्रयाग संगम की सूरत बदली नजर आएगी।