नईदिल्ली, टी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में जीत की चमक के बीच कई बार हार के साए में भी ऐसी पारियां खेली जाती हैं जो हमेशा याद रखी जाती हैं। ये पारियां न सिर्फ बल्लेबाज की प्रतिभा और जुझारूपन को दर्शाती हैं, बल्कि यह भी साबित करती हैं कि क्रिकेट सिर्फ जीत-हार का खेल नहीं, बल्कि जुनून और प्रदर्शन का भी है। आइए नजर डालते हैं उन बल्लेबाजों पर जिन्होंने टीम की हार के बावजूद रच दिए व्यक्तिगत प्रदर्शन के अनमोल कीर्तिमान।
पहले स्थान पर ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज ऑलराउंडर खिलाड़ी शेन वॉटसन हैं। उन्होंने साल 2016 में भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाफ सिडनी में 124* रन की पारी खेली थी। कंगारू टीम पहले बल्लेबाजी करने उतरी थी। वॉटसन ने 71 गेंदों का सामना करते हुए ये रन बनाए थे। उनके बल्ले से 10 चौके और 6 छक्के निकले थे। उनकी स्ट्राइक रेट 176.64 की रही थी। इस शानदार प्रदर्शन के बावजूद टीम को 7 विकेट से हार मिली थी।
दूसरे स्थान पर भारतीय क्रिकेट टीम के बल्लेबाज रुतुराज गायकवाड़ हैं। उन्होंने 2023 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गुवाहाटी में 123* रन की पारी खेली थी। पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम ने 222/3 का स्कोर बनाया था। गायकवाड़ ने 57 गेंदों का सामना किया था और उनके बल्ले से 13 चौकों के साथ 7 छक्के भी निकले थे। उनकी स्ट्राइक रेट 215.78 की थी। हालांकि, इस शतक के बावजूद टीम को 5 विकेट से हार का सामना करना पड़ा था।
तीसरे स्थान पर हांगकांग क्रिकेट टीम के खिलाड़ी बाबर हयात हैं। उन्होंने साल 2016 में ओमान क्रिकेट टीम के खिलाफ 122 रन की पारी खेली थी। हालांकि, इस शतक के बावजूद उनकी टीम को हार का सामना करना पड़ा था। पहले बल्लेबाजी करते हुए ओमान ने 180/5 का स्कोर बनाया था। बाबर ने 60 गेंदों का सामना किया और ये रन बनाए थे। उनके बल्ले से 9 चौके और 7 छक्के निकले थे।
दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीम के फाफ डु प्लेसिस चौथे स्थान पर हैं। उन्होंने 2015 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 119 रन की पारी खेली थी। दक्षिण अफ्रीका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 231/7 का स्कोर बनाया था। डु प्लेसिस ने 56 गेंदों का सामना करते हुए ये रन बनाए थे। उनके बल्ले से 11 चौके और 5 छक्के निकले थे। उनकी स्ट्राइक रेट 212.50 की रही थी। इस पारी के बावजूद उनकी टीम वह मुकाबला 4 विकेट से हार गई थी।