धूमधाम से मनाया गुरुकुल महाविद्यालय के संस्थापक स्वामी दर्शनानंद का जन्म दिवस समारोह
हरिद्वार। गुरुकुल महाविद्यालय ज्वालापुर के संस्थापक स्वामी दर्शनानंद सरस्वती महाराज के 161वें जन्म दिवस समारोह में संस्था के प्रधान स्वामी यतीश्वरानन्द ने कहा कि स्वामी दर्शनानन्द सरस्वती ने 15 मई 1907 ने भारतीय संस्ति की नि:शुल्क शिक्षा के गुरुकुल की स्थापना की थी। उस समय के पुलिस इंस्पेक्टर ज्वालापुर दानवीर बाबू सीताराम ने स्वामी दर्शनानंद को भूमि दान में दी। बताया कि स्वामी दर्शनानंद ने उस समय तीन छात्र, तीन चवन्नी, तीन बीघा भूमि को लेकर ही गुरुकुल को स्थापित किया था, जो आज एक विशाल रुप में सुविख्यात है।
मुख्य अतिथि पतंजलि फाउंडेशन पुरकाजी के संस्थापक स्वामी कर्मवीर ने कहा कि स्वामी दर्शनानंद सरस्वती का जन्म सन 1861 में जिला लुधियाना के नगर जगरावाँ में हुआ था। इनके बचपन का नाम नेतराम था, जो बाद में पाराम कर दिया गया। स्वामी दर्शनानंद सरस्वती ने अपने जीवन में पांच गुरुकुलों की स्थापना की। जिसमें सर्वाधिक ख्याति प्राप्त गुरुकुल महाविद्यालय ज्वालापुर है। इस महाविद्यालय से न जाने कितने आर्य विद्वान, साहित्यकार, राजनेता, दार्शनिक, संस्तज्ञ, वैदिक विद्वान, व्याकरण, दर्शन के मर्मज्ञ, स्नातक निकले हैं। जिन्होंने इस संस्था का नाम गौरवान्वित किया है।
महाविद्यालय के मंत्री सभा नन्दलाल सिंह राणा ने कहा कि स्वामी दर्शनानंद एक प्रख्यात दार्शनिक और आर्यसमाज के अग्रणी विद्वान थे। वे एक साहित्यकार, कवि, लेखक एवं दार्शनिक भाष्यकार भी थे। गुरुकुल कांगड़ी विवि के कुलपति प्रो़ सोमदेव सतांशु ने कहा कि दर्शनान्द सरस्वती एक ऐसे आर्य सन्यासी थे। जिन्होंने भारतीय संस्ति, सभ्यता एवं संस्त के प्रचार-प्रसार के लिए गुरुकुलों की स्थापना की। प्रो़ रामप्रकाश वर्णी, मुख्याधिष्ठाता सोमप्रकाश चौहान, आचार्य हेमंत तिवारी, प्रो़ सत्यदेव निगमांलकांर ने विचार रखे। स्वामी दर्शनानंद के जन्म दिवस पर गुरुकुल महाविद्यालय से जमालपुर, शुभम विहार, द्वारिका विहार होते हुए शोभा यात्रा भी निकाली गयी।
इस अवसर पर ड़ मनुदेव बंन्धु, हाकम सिंह आर्य, यशपाल आर्य, तेलूराम, सुन्दर लाल, बलवन्त, विजयपाल आर्य, मानपाल सिंह, अभिषेक चौहान, विनय चौहान, विनीत चौहान, दिनेश कुमार चौहान, ड़ ज्ञानप्रभा प्रधान, पातंजल योगधाम ज्वालापुर के अध्यक्ष स्वामी मेधानन्द, ड0 सुशील कुमार त्यागी, असीम कुमार, राकेश कुमार आदि मौजूद थे।