बम्बे हाईकोर्ट ने कहा- सरकार पर आरोप से पहले लोग खुद संयम बरतें
मुंबई, एजेंसी। देश के दो हाईकोर्ट ने सोमवार को कोरोना की दूसरी लहर को लेकरअलग-अलग, लेकिन कठोर संदेश दिए। पहले मद्रास हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को मौजूदा कोरोना कहर के लिए जिम्मेदार ठहराया। इसके बाद बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने कहा कि सरकार पर आरोप लगाने से पहले नागरिक कोविड-19 के नियमों का पालन करें,संयम और अनुशासन बरतें।
बता दें कि इससे पहले मद्रास हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि कोरोना के मामले बढ़ने के लिए चुनावआयोग का जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। कोर्ट ने तो यहां तक कि आयोग केखिलाफ हत्या का केस तक दर्ज करने और दो मई को होने वाली मतगणना तक रोकने की बात कह दी।
बहरहाल, बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि लोगों को कोविड-19 मामलों में वृद्घि के बीच सरकार को दोष देने से पहले संयम और अनुशासन दिखाना चाहिए। अदातल ने महामारी के संबंध में विभिन्न दिशा-निर्देश जारी करते हुए यह बात कही।
न्यायमूर्ति रवीन्द्र घुगे और न्यायमूर्ति बीयू देबदवार की पीठ ने लोक सेवकों, डक्टरों और पैरामेडिकल कर्मियों समेत सभी लोगों को घरों से बाहर निकलते समय आधार कार्ड साथ रखने और मास्क पहनने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति घुगे ने कहा कि नागरिकों के तौर पर हमें सरकार को दोष देने से पहले शालीनता और संवेदनशीलता का परिचय देना चाहिए। लोगों को संयम और अनुशासन दिखाना चाहिए।
अदालत ने कहा कि योजनाएं और व्यवस्थाएं अच्छी होती हैं, लेकिन मनुष्य ही उन्हें नष्ट और समाप्त कर देते हैं। अदालत ने कहा कि हम युवाओं, लड़कों और लड़कियों को बिना किसी कारण इधर-उधर घूमते हुए देखते हैं। एक मोटरसाइकिल पर कहीं तीन-तीन तो कहीं चार-चार लोग बिना हेल्मेट और मास्क के आ जा रहे हैं।