खालिस्तानी आतंकवाद को लेकर मोर्चा खोलने वाले कुमार विश्वास को केंद्र सरकार ने वाई श्रेणी की सुरक्षा दी
नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्र ने शनिवार को आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व नेता और मशहूर कवि कुमार विश्वास को वाई श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला किया है। यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने दी।केंद्र सरकार ने आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ विश्वास के आरोपों के मद्देनजर खुफिया सूचनाओं के आधार पर सुरक्षा और खतरे की समीक्षा की गई। समीक्षा के बाद विश्वास को वाई श्रेणी की सुरक्षा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जरिए देने का फैसला किया गया।वाई श्रेणी की सुरक्षा के तहत चौबीसों घंटे चार सुरक्षा अधिकारी विश्वास की सुरक्षा करेंगे।
विश्वास ने केजरीवाल पर पंजाब विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान अलगाववादियों का समर्थन करने का आरोप लगाया था। हालांकि आप प्रमुख ने आरोपों को खारिज कर दिया। पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए रविवार को मतदान होना है। हाल ही में केंद्र सरकार ने यूपी और पंजाब में कई नेताओं को वीआईपी सुरक्षा कवच प्रदान किया था। केंद्रीय मंत्री एसपीएस बघेल के साथ दिल्ली से भाजपा सांसद और गायक हंसराज हंस को भी जेड श्रेणी की सुरक्षा दी गई। भदोही लोकसभा सीट से भाजपा के सांसद रमेश चंद बिंद को एक्स श्रेणी जबकि परमिंदर सिंह ढींढसा और अवतार सिंह जीरा को वाई प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी गई।
केंद्र सरकार की ओर से दी गई वाई श्रेणी की सुरक्षा पर कुमार विश्वास ने कहा कि मैंने आज तक कभी कोई सुरक्षा नहीं मांगी। यह सरकार की एजेंसियों का इनपुट है। इनपुट पर एक लोकतांत्रिक सरकार की जिम्मेदारी होती है कि वो अपने नागरिकों की सुरघ्क्षा सुनिश्चित करे। इसके साथ ही कुमार विश्वास ने दिल्घ्ली के मुख्घ्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर फघ्रि हमला बोला। कुमार विश्घ्वास ने आरोप लगाया कि केजरीवाल आतंकवाद के खिलाफ नहीं बोलेंगे़.़
गौरतलब है कि कुमार विश्वास (ज्ञनउंत टपेीूें) के आरोपों को आम आदमी पार्टी ने खारिज कर दिया था लेकिन भाजपा और कांग्रेस दोनों की ओर से सवाल खड़े किए गए थे। कांग्रेस के पूर्व अध्घ्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा था कि केजरीवाल को बताना चाहिए कि कुमार विश्वास सच बोल रहे हैं या नहीं़.़
यही नहीं पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर आम आदमी पार्टी की ओर से खालिस्तान समर्थक प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन सिख फार जस्टिस से मदद लेने के आरोपों की जांच कराए जाने की मांग की थी। इसके साथ ही सीएम चन्नी ने गृहमंत्री को लिखे पत्र के साथ सिख फार जस्टिस के कानूनी सलाहकार गुरपतवंत सिंह पन्नू की ओर से खालिस्तानी समर्थकों को लिखे एक पत्र की कापी भी लगाई थी। इस पत्र पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पूरे मामले को दिखवाने का भरोसा दिया है।