राज्य आंदोलनकारियों के आश्रितों के प्रमाण पत्र की अड़चन होगी दूर

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देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच का एक शिष्टमण्डल थानों रोड स्थित अधीनस्थ चयन आयोग अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया से मिला और उनसे राज्य आंदोलनकारियों के आश्रितों के प्रमाण पत्रों को लेकर आ रही अड़चन को दूर करने की मांग की। वार्ता के दौरान आयोग अध्यक्ष नले कहा कि आगे से किसी आश्रित को प्रमाण पत्र की जांच में असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा। मंच के प्रदेश प्रवक्ता ने आयोग अध्यक्ष को बताया कि एक अभ्यर्थी के प्रमाण पत्रों की जांच करते हुये आयोग में किसी कर्मचारी ने प्रमाण पत्र में तिथि का उल्लेख न होने का हवाला देकर प्रमाण पत्र को नकार दिया गया।
जिससे कुछ परीक्षार्थी रोने लगे। जब मामला राज्य आंदोलनकारी मंच के संज्ञान में आया तो मंच के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती ने आयोग अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया से दूरभाष पर बात की एवं सारे मामले से अवगत कराया। अध्यक्ष ने बताया कि यह उनके संज्ञान में नहीं आया है लिहाजा वह स्वयं इसे देख रहे हैं। उसी क्रम में बुधवार को मंच का एक शिष्टमण्डल आयोग कार्यालय पहुंचकर जीएस मर्तोलिया से मिला। अध्यक्ष ने विश्वास दिलाया कि अब किसी भी राज्य आंदोलनकारी आश्रित को बेवजह परेशान नहीं होना पड़ेगा। आयोग अध्यक्ष ने भी आंदोलनकारी मंच को यह सुझाव दिया कि राज्य आंदोलनकारी साथी जब अपने बच्चों के आश्रित प्रमाण पत्रों बनवाएं तो उसमें पिता के चिन्हीकरण का वर्ष दर्शा दें या अपने जिले के अधिकारी से अलग से स्वयं(व्यक्तिगत) का राज्य आंदोलनकारी प्रमाण पत्र बनवा लें। उसकी छाया प्रति अपने बच्चें के आश्रित प्रमाण पत्र के साथ संलग्न कर दें। शिष्टमण्डल में प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी, संयोजक महेन्द्र सिंह रावत एवं चन्द्रकिरण राणा मौजूद रहे।

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