पर्यटन क्षेत्र में प्रदेश में भावी संभावनाओं को लेकर मुख्य सचिव ने की पर्यटन विभाग के साथ विस्तृत चर्चा
देहरादून। मुख्य सचिव ड़ एस़एस़ संधु ने मंगलवार को सचिवालय में पर्यटन विभाग के साथ पर्यटन के क्षेत्र में प्रदेश में भावी संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा की। मुख्य सचिव ने सचिव पर्यटन को पर्यटन प्रदेश में आर्थिकी और रोजगार का महवपूर्ण साधन है। चारधाम यात्रा के साथ ही प्रदेश के पर्यटक स्थल इसमें महवपूर्ण भूमिका निभाते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सप्ताहांत में पूरे सालभर अधिकतम पर्यटक दिल्ली एनसीआर से आते हैं, और दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे बन जाने के बाद जब दिल्ली-एनसीआर के पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी, उसके लिए हमें अभी से तैयारियां शुरू करनी होंगी।
मुख्य सचिव ने कहा कि इसके लिए हमें पर्यटकों को नए पर्यटक स्थल और नए साहसिक खेलों को शामिल करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि देश-विदेश में अभी पर्यटन के क्षेत्र में क्या-क्या नया हो रहा है, और उन में से उत्तराखण्ड में क्या-क्या किया जा सकता है, इसकी एक लिस्ट तैयार की जाए। प्रदेश में पर्यटन की दृष्टि से यहां की भौगोलिक एवं प्रातिक स्थिति के अनुसार पर्यटन गतिविधियों की 02 कैटेगरी तैयार किए जाने के निर्देश दिए, जिसमें कैटेगरी ‘ए‘ में ऐसी गतिविधियों को रखने के निर्देश दिए जिन्हें तुरन्त शुरू किया जा सकता है एवं कैटेगरी ‘बी‘ में ऐसे गतिविधियां रखी जाएं जिन्हें शुरू किए जाने के लिए पहले कई प्रकार के कार्य किए जाने हैं। प्रदेश में हाई-एंड टूरिस्म को बढ़ावा देने के लिए सम्भावनाएं तलाशी जाएं। फाईव स्टार होटल और रिजर्ट्स के क्षेत्र में प्राईवेट क्षेत्र को आषित किए जाने के लिए कार्य किया जाए। प्रदेश के शुद्घ वातावरण में ऐस्ट्र विलेज की भी काफी सम्भावनाएं हैं। प्रदेश भर में इसके लिए 5, 10 जगहें चिन्हित कर इसे शीघ्र शुरू किया जाना चाहिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि वाटर स्पोर्ट्स में प्रदेश में अत्यधिक सम्भावनाएं हैं। दिल्ली एनसीआर से अधिकतर पर्यटक राफ्टिंग एवं क्याकिंग आदि साहसिक खेलों के कारण वर्षभर उत्तराखण्ड आते हैं। टिहरी झील में वाटर बाईकिंग, पैरासेलिंग, आदि को तुरन्त शामिल किया जा सकता है। बंजी जम्पिंग, रक क्लाइम्बिंग, वाईल्ड लाईफ सफारी, पैरा ग्लाईडिंग आदि जैसी तुरन्त शुरू की जा सकने वाली गतिविधियों को तुरन्त शुरू कर लिया जाए। इसके लिए प्राईवेट क्षेत्र से आने वाले लोगों को इंटरेस्ट सबवेंशन देकर बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की खूबसूरती को दिखाने के लिए हैलीकप्टर, हट एयर बलून आदि से प्रदेश के विभिन्न खूबसूरत पर्यटन स्थलों की एरियल व्यू की व्यवस्था की जा सकती है। इसके लिएाषिकेश हरिद्वार जैसी जगह पर लंडन आई ( स्वदकवद म्लम ) जैसी संरचनाओं पर भी विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने पर्यटन विभाग को बड़े शहरों में 5 से 10 जगहों पर स्केटिंग रिंग, आईस हकी, लाईट एंड साउंड श आदि के लिए व्यवस्थाएं किए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि इन गतिविधियों के शुरू होने के लिए प्रशिक्षित लोगों की भी आवश्यकता होगी। इसके लिए पर्यटन विभाग को प्रशिक्षण कार्यक्रमों को भी संचालित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्यटकों को प्रदेश में होने वाली समस्त पर्यटन गतिविधियों की जानकारी एक जगह मिल सके इसके लिए पोर्टल को लगातार अपडेट किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा दिए जाने के लिए बजट की कमी नहीं होने दी जाएगी। यदि पलिसी में कुछ परिवर्तन करने की आवश्यकता होगी, वह भी किया जाएगा, ताकि प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा मिले और यहां के युवाओं को रोजगार मिले।
इस अवसर पर सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।