बदहाल हुई शहर की सफाई व्यवस्था, लोग हो रहे बीमार
सड़कों पर फैली गंदगी व चोक हो रही नालियों से फैली रही बीमारियां ं
शिकायत के बाद भी नगर निगम सफाई व्यवस्था को लेकर नहीं है गंभीर
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार: नगर निगम की लापरवाह कार्यप्रणाली शहरवासियों पर भारी पड़ रही है। हालत यह है कि चोक नालियों से बहरी गंदगी व सड़क किनारे लगे कूड़े के ढेर आमजन को बीमार कर रहे हैं। यही कारण है कि बेस चिकित्सालय के साथ ही निजी अस्पतालों में बुखार, डायरिया, डेंगू टाइफाइड के मीरजों की संख्या बढ़ने लगी है। शिकायत के बाद भी नगर निगम सफाई व्यवस्था में सुधार को गंभीरता नहीं दिखा रहा।
कोटद्वार नगर निगम बनने के बाद शहरवासियों को बेहतर विकास की उम्मीद थी। लेकिन, नगर निगम चार वर्ष बीत जाने के बाद भी शहरवासियों की उम्मीदों पर खरा पाया है। शहर के वार्डों के साथ ही मुख्य चौराहों पर लगे कूड़े के ढेर व जगह-जगह चोक नालियों से सड़क पर बहती गंदगी इसका एक साक्ष्य है। यही नहीं गोविंदनगर, काशीरामपुर, आमपड़ाव व लकड़ीपड़ाव मोहल्ले के कई स्थानों पर नालियों की गंदगी घरों के बाहर ही जमा हो जाती है। कई सप्ताह तक वार्डों में जमा गदंगी के ढेर को उठाने की सुध तक नहीं ली जाती। गंदगी के कारण शहरवासी संक्राम बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। अस्पतलों में पहुंचने वाला हर दूसरा व्यक्ति बुखार, डायरिया, डेंगू व टाइफाइड से ग्रसित है। शिकायत के बाद भी व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा।
गायब हुए शहर के कूड़ेदान
नगर निगम की ओर से शहर की सड़कों के किनारे कूड़ेदान तक नहीं लगाए गए हैं। ऐसे में कई लोग अपने घरों का कूड़ा सड़क किनारे ही फेंक देते हैं। जब तक कूड़े का बड़ा ढेर जमा नहीं हो जाता नगर निगम इसे नहीं उठाता है। ऐसे में कई दिन तक कूड़ा सड़क किनारे ही सड़ता रहता है। दुर्गंध के कारण व्यापारियों का अपने प्रतिष्ठानों में बैठना भी मुश्किल हो जाता है।
ट्रेचिंग ग्राउंड भी बना मुसीबत
नगर निगम की ओर से गाड़ीघाट क्षेत्र में आबादी के बीच संचालित हो रहा ट्रेचिंग ग्राउंड भी मुसीबत बन गया है। नगर निगम की ओर से हर रोज सैकड़ों टन कूड़ा ट्रेचिंग ग्राउंड में डाला जाता है। ऐसे में आसपास के लोगों का दुर्गंध से सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है। यही नहीं आए दिन टे्रचिंग ग्राउंड में पड़े कूड़े के ढेर में आग भी लग जाती है। जिससे चारो ओर जहरीला धुंआ फैला रहता है।
समय पर नहीं उठता कूड़ा
शासन की ओर से नगर पालिका का विस्तार करते हुए कोटद्वार को नगर निगम तो बना दिया गया है। लेकिन, नगर निगम चालीस वार्डों से समय पर कूड़ा भी नहीं उठा पा रहा है। हालत यह है कि कई स्थानों पर दोपहर बाद भी कूड़े के ढेर लगे रहते हैं। ऐसे में आसपास के व्यापारियों का अपने प्रतिष्ठानों में बैठना भी मुश्किल हो जाता है। व्यापारियों को हर समय संक्रामकी बमारियों के फैलने का खतरा बना रहता है।
इसलिए चोक हो रही नालियां
अधिकांश वार्डवासी शहर का कूड़ा एकजगह एकत्रित करने के बजाय उसे इधर-उधर फेंक देते हैं। जिससे वह कूड़ा सड़क किनारे नालियों में फंस जाता है। नतीजा पानी की बेहतर निकासी नहीं होने के कारण शहर में नाली चोक की समस्या बनी रहती है। अधिकांश वार्डों में यह समस्या देखने को मिल रही है।