नई दिल्ली , रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि समय के साथ-साथ हमारी सेनाओं की जटिलताएं बढ़ती जा रही हैं। ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि दुनिया भर में रक्षा-सुरक्षा का माहौल लगातार तनावपूर्ण होता जा रहा हैढ्ढ लगभग आधा दशक बीत जाने के बाद, हम यह कह सकते हैं कि यह एक प्रकार से परिवर्तनशील दशक रहा है। दुनिया के अलग-अलग क्षेत्रों में कई संघर्ष और युद्ध देखने को मिल रहे हैं।
रक्षा मंत्री ने यहां नौसेना नागरिक वर्ष समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि हमें अपनी महत्वपूर्ण क्षमता को बढ़ाना होगा और आने वाले समय में अपने आक्रामक और रक्षात्मक दोनों ही प्रतिक्रियाओं को मजबूत करने की ओर ध्यान देना होगा। मुझे लगता है कि इन सबमें योजना का बहुत महत्व है और इस नियोजन प्रक्रिया में एक परामर्शात्मक दृष्टिकोण भी होना चाहिए, जिसमें हम सभी हितधारकों से सलाह-मशविरा करें। मैं समझता हूं कि इस नियोजन प्रक्रिया में हमारी नौसेना नागरिकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
उन्होंने कहा कि अधिकांश लोग भारत के विशाल क्षेत्रफल के कारण भारत को एक उपमहाद्वीप के रूप में जानते हैं। भारत की आर्थिक समृद्धि इस देश की समुद्री सुरक्षा से जुड़ी हुई है। इसके लिए जरूरी है कि हमारे समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा की जाए, नेविगेशन की स्वतंत्रता सुनिश्चित की जाए और हमारे समुद्री मार्गों को – जो हमारे समुद्री हाईवे हैं- सुरक्षित रखा जाए। हाल के वर्षों में अमेरिकी और अन्य यूरोपीय नौसेना ने हिंद प्रशांत क्षेत्र में अपनी उपस्थिति घटाई है जबकि भारतीय नौसेना ने उपस्थिति बढ़ाई है। इसके बावजूद अदन की खाड़ी, लाल सागर और ईस्ट अफ्रीकी देशों से सटे समुद्री इलाकों में खतरे बढऩे का अंदेशा बना हुआ है। इसको देखते हुए भारतीय नौसेना अपनी उपस्थिति को और अधिक बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। समुद्री सुरक्षा के लिए अब साइबर सिक्योरिटी भी बड़ा ही महत्वपूर्ण अंग बन चुका है। जिस तेजी से साइबर हमलों में वृद्धि हो रही है, उसे देखते हुए उनकी अनदेखी करना घातक सिद्ध हो सकता है।