नगर में लगी स्ट्रीट लाइट के हाल: चार दिन की चांदनी, फिर अंधेरी रात
निगम के वार्डों में लाखों की लागत से लगवाई गई हैं लाइट
अधिकांश वार्डों में लाइट खराब होने से छाया रहता है अंधेरा
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : ‘चार दिन की चांदनी, फिर अंधेरी रात’ यह कहावत इन दिनों नगर निगम के वार्डों में चरितार्थ हो रही है। लाखों की लागत से वार्डों में लगाई गई स्ट्रीट लाइट कुछ दिन प्रकाश फैलाने के बाद अब केवल शोपीस बनकर रह गई है। वार्ड वासियों की शिकायत के बाद भी नगर निगम लाइटों की मरम्मत करवाने की सुध नहीं ले रहा। नतीजा शाम ढलते ही वार्ड में पूरी तरह अंधेरा छा रहा है।
करीब तीन वर्ष पूर्व नगर निगम की ओर से 48 लाख की लागत से वार्डों में दो हजार स्ट्रीट लाइट लगवाई गई थी। स्ट्रीट लाइट लगने के कुछ दिन वार्डों में रोशनी बनी रही, लेकिन अब अधिकांश वार्डों में लाइटें खराब हो चुकी हैं। नतीजा वार्डों में चारों ओर अंधेरा छाया रहता है। रात के समय लोगों का सड़क पर गलियों में चलना भी मुश्किल हो जाता है। लालपानी निवासी प्रकाश लखेड़ा, चंद्रमोहन, सतेंद्र सिंह ने बताया कि मुख्य मार्ग में पिछले कई माह से स्ट्रीट लाइट खराब पड़ी है। यही स्थिति लकड़ीपड़ाव, काशीरामपुर, देवी रोड, मानपुर, दुर्गापुरी के साथ ही भाबर क्षेत्र के अधिकांश वार्डों में बनी हुई है। पार्षद सौरभ नौटियाल ने बताया कि उन्होंने इस समस्या को बोर्ड बैठक में भी उठाया था। लेकिन, निगम के अधिकारी समस्या को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहे।
जगंली जानवरों का खतरा
जंगल से सटे लालपानी, रामपुर, सनेह, ध्रुवपुर, ग्रास्टनगंज, गिवईस्रोत, सिगड्डी, झंडीचौड़ क्षेत्र में लाइट खराब होने से जंगली जानवरों का खतरा बना हुआ है। कई बार जंगली जानवर रात के अंधेरे में मार्ग पर आ धमक जाते हैं। बावजूद इसके नगर निगम समस्या को लेकर लापरवाह बना हुआ है। यही नही वार्ड में कई स्थानों पर आस-पास दो-तीन लाइटें लगी हुई हैं, जबकि जिन जगहों पर सबसे अधिक अंधेरा है, वहां पर लाइट नहीं लगाई गई हैं।