कोटद्वार के बेस अस्पताल का हाल, ऊंची दुकान फीके पकवान
-अस्पताल में ना तो है स्टाफ और ना हीं मरीजों को मिल रही दवाएं
-चिकित्सक लिख रहे बाहर की महंगी दवाएं, मरीज परेशान
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : बेस अस्पताल कोटद्वार की चमचमाती इमारत देखकर तो ऐसा लगता है कि मानों कोटद्वार में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं आसानी से उपलब्ध हो रही हैं। लेकिन जब अस्पताल के भीतर जाते हैं तो ऊंची दुकान, फीके पकवान वाली कहावत याद आ जाती है। यहां ना तो पर्याप्त स्टाफ है और ना ही मरीजों को दवाएं उपलब्ध हो पा रही हैं। चिकित्सक मरीजों को बाहर की महंगी दवाएं लिख रहे हैं, जिससे मरीजों पर महंगाई के इस दौर में आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। यदि कोई शिकायत करता है तो उससे भी सीधे मुंह बात नहीं की जाती है। ऐसे में कोटद्वार की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।
रिखणीखाल निवासी सोनी रावत गर्भवती हैं और पिछले दिनों वह बेस अस्पताल में उपचार के लिए आई थीं। उन्होंने बताया कि यहां चिकित्सकों ने उन्हें एक भी दवा अस्पताल से उपलब्ध नहीं कराई। उन्हें बाहर से दवा खरीदने को कहा गया, जो काफी महंगी थीं। यह तो सिर्फ एक मामला है। अस्पताल में रोज सैकड़ों मरीज पहुंचते हैं, जिनमें अधिकांश को बाहर से ही दवा खरीदने को कहा जाता है। इसके अलावा स्टाफ की कमी के चलते मरीजों को बेहतर उपचार भी नहीं मिल पा रहा है। चिकित्सालय की ऐसी दयनीय हालत के बावजूद कोरोना ड्यूटी में तैनात किए गए आउटसोर्स कर्मियों को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। ऐसे में अस्पताल की बदहाल स्थिति और सिस्टम की आम जनता के प्रति लापरवाही साफ समझी जा सकती है।
जनप्रतिनिधि भी बने हुए हैं निष्क्रिय
आम जनता की आवाज को सरकार तक पहुंचाने के लिए जनप्रतिनिधियों का चयन किया जाता है। लेकिन कोटद्वार की बदकिस्मती है कि यहां के जनप्रतिनिधि भी निष्क्रिय बने हुए हैं। जनता रोज बेस अस्पताल की बदहाली से जूझ रही है और इसकी जानकारी होने के बावजूद जनप्रतिनिधि अस्पताल की हालत सुधारने के लिए आवाज नहीं उठा रहे हैं। जनता को बहलाने के लिए आश्वासन तो बहुत दिए जाते हैं, लेकिन कभी उन पर अमल नहीं किया जाता है। ऐसे में कोटद्वार के बेस अस्पताल की हालत जल्द सुधरती हुई नजर नहीं आ रही है।
मैं परेशान हो गया हूं। हर दिन अस्पताल की हालत को लेकर मुझसे शिकायत की जाती है। रात 11 बजे तक मुझे कॉल आ रहे हैं। जिसे लेकर मैं उच्चाधिकारियों को अवगत करा चुका हूं। रही बात बाहर की दवा लिखने की तो इसकी जांच करूंगा कि अस्पताल में कौन सी दवाएं हैं और क्यों चिकित्सक बाहर की दवाएं लिख रहे हैं।
कुमार आदित्य तिवारी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, बेस अस्पताल कोटद्वार