पांच वर्षों से टूटी है पुलिया, नींद में सिस्टम

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जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : जनसरोकार को लेकर सरकारी सिस्टम कितना लापरवाह है इसका उदाहरण बीरोंखाल ब्लॉक के अंतर्गत पंचराड पुलिया को देखकर लगाया जा सकता है। बैजरो और कोटद्वार को ग्रामीण क्षेत्र से जोड़ने वाली पंचराड़ पुलिया बीते पांच साल से टूटी पड़ी है। ग्रामीण बरसात के समय जान हथेली पर लेकर पंचराड़ गदेरे को पार कर रहे हैं।
करीब एक दशक पूर्व ब्लॉक के चार गांव अरकंडाई, अरकंडाई धार, रीठाधार और नंदाखेत गांव को बैजरों से जोड़ने के लिए अरकंडाई के पंचराड गदेरे में विधायक निधि से पुलिया का निर्माण किया गया था। वर्ष 2019 में गदेरे में आई बाढ़ में यह पुलिया बह गई। तब से लोग खतरे में गदेरे के उफान को पार कर आवाजाही कर रहे हैं। बरसात में तेज उफान के कारण इन ग्रामीणों का बैजरों से संपर्क कट जाता है। इस कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। पुल बनाने के लिए ग्रामीण कई मंचों पर आवाज उठा चुके हैं, लेकिन पुलिया का निर्माण धरातल पर नहीं उतर सका है। अरकंडाई के प्रधान राजेंद्र सिंह, ग्रामीण कैलाश बिष्ट, दर्शन सिंह रावत, दर्शनी देवी व बीना देवी, महिपाल सिंह रावत का कहना है कि सामान्य दिनों में तो लोग गदेरे में उतरकर आवाजाही कर लेते हैं, लेकिन बरसात में गदेरे के उफनाने से आवाजाही ठप हो जाती है। इस दौरान यदि कोई बीमार हो जाए तो उसे अस्पताल भी नहीं पहुंचाया जा सकता है। ग्रामीण लगातार पुलिया निर्माण कराने की मांग कर रहे हैं।

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