सफेद कपड़ों में लिपटे पहुंचे शव, गांव में मचा कोहराम
मंगलवार को बीरोंखाल के सिमड़ी के समीप हुई थी बस दुर्घटना
हरिद्वार स्थिति चंड़ी घाट में किया गया मृतकों का अंतिम संस्कार
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार: बीरोंखाल के सिमड़ी गांव के समीप हुई बस दुर्घटना में मारे गए लोगों के शव गुरु वार को उनके गांव पहुंचे। सफेद कपड़ों में लिपटे अपनों के शवों को देख गांव में चीख-पुकार मच गई। अधिकांश मृतकों का हरिद्वार स्थित चंड़ी घाट पर अंतिम संस्कार किया गया।
मंगलवार शाम लालढांग से कांडा गांव जा रही बारातियों की बस सिमड़ी गांव के समीप दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। हादसे में 32 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि, 18 घायल हो गए थे। बरात के बस हादसे के मृतकों के शव गुरुवार सुबह उनके गांव पहुंचे। इनमें चारों रसूलपुर गांव के थे। इनमें भी एक परिवार के तीन सदस्यों की जान गई है। शवों के अंतिम संस्कार के चंडीघाट में किया गया। जबकि, एक को भू समाधि दी गई। अपनों की मौत की खबर से परिवार बेसुध हैं। दूल्हा संदीप बुधवार को शाम पांच बजे बिना दुल्हन के गांव पहुंचा। संदीप हादसे से टूट गया है, लेकिन उसकी खामोशी नहीं टूट रही है। शादी वाले गांव में विजयदशमी की खुशियों की जगह मातम छाया है।
अधिकांश घरों में नहीं जले चूल्हे
लालढांग मिश्रित आबादी का कस्बा है। यहां पर हिंदू, मुस्लिम और सिख सुख-दुख में एक-दूसरे के साथी हैं। खेतीबाड़ी से ही ग्रामीणों की आजीविका चलती है। शादी-ब्याह में सभी लोग शामिल होते हैं। मंगलवार को दोपहर गांव के संदीप की पौड़ी के कांडा गांव के लिए बरात निकली। हर कोई दुल्हन लाने के लिए उत्सुक था। बरात में बच्चों और महिलाओं से लेकर बुजुर्ग तक भी गए थे। मृतकों में 16 बराती लालढांग, गाजीवाली और रसूलपुर के हैं, जबकि बाकी मंडावली और दूल्हे के रिश्तेदारी के हैं। लालढांग में मातम पसरा है। हर तरफ चीख पुकार है। दूल्हे संदीप के घर और मृतकों के घर में ग्रामीणों और रिश्तेदारों का जमावड़ा लगा है। दूल्हे के गांव पहुंचने पर मां और गांव की महिलाएं लिपटकर रोते-रोते बेसुध हो गईं।