उत्तराखंड

श्मशान का रास्ता टूटने से शव को एक घंटे बस स्टेशन में रोका

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चमोली। नंदा नगर विकासखंड के ग्राम सेती में महिला की मौत होने के बाद श्मशान घाट तक रास्ता न होने के कारण शव को एक घंटे तक बस स्टेशन पर ही रोकना पड़ा। बाद में नायब तहसीलदार के हस्तक्षेप के बाद एक ग्रामीण की व्यक्तिगत भूमि से शवयात्रा को निकाला गया। घटना सोमवार की है। जब सेती के ग्रामीण एक मृतक महिला के शव को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट ले जा रहे थे। ग्रामीणों के पैतृक श्मशान घाट का रास्ता 10 साल बाद भी न बनने से ग्रामीण आक्रोशित हो गए। ग्रामीण शव को लेकर बस स्टेंड पर ही बैठ गए। वर्ष 2013 की आपदा में श्मशान घाट का रास्ता पूरा टूट गया था। शव को लेकर बस स्टेंड में बैठे जाने की सूचना मिलते ही नायब तहसीलदार मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझा बुझाकर उन्होंने श्मशान घाट तक जाने के लिये एक ग्रामीण से बात करके उसकी जमीन से शवयात्रा को निकलवाकर श्मशान घाट तक पहुंचाया। ग्रामीण विजय प्रसाद, नन्दा बल्लभ, बद्री प्रसाद, चंद्र मोहन, रामेश्वर प्रसाद, हरि प्रसाद, मथुरा प्रसाद, देवी प्रसाद आदि ने बताया कि 2013 की आपदा से उनके गांव के पैतृक श्मशान का रास्ता पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। तब से लेकर आज तक ग्रामीण लगातार शासन प्रशासन से मार्ग निर्माण की मांग करते आ रहे है। लेकिन शासन प्रशासन ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया। ग्रामीणों ने बताया कि इस श्मशान घाट पर ग्राम उस्तोली, फाली, सेती, सर पाणी एवं नंदा नगर बाजार में रहने वाले लोग शवों का अंतिम संस्कार करने आते है। बीते दस सालों से मार्ग टूटने के कारण ग्रामीणों को श्मशान घाट पहुंचने में काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।

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