कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में प्रियंका की उम्मीदवारी की उठी मांग, असम सांसद ने दिया ये बेतुका तर्क
नई दिल्ली, एजेंसी। कांग्रेस में अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों की लिस्ट लंबी ही होती जा रहा रही है। शशि थरूर, अशोक गहलोत, दिग्विजय सिंह सहित कुछ अन्य नेताओं का नाम अब तक सामने आ चुका है। वहीं, इस बीच प्रियंका गांधी को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की मांग भी उठी है। दरअसल, असम के बारपेटा से कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक ने बुधवार को ट्वीट करके प्रियंका गांधी को पार्टी अध्यक्ष का पद संभालने की वकालत की है।
कांग्रेस सांसद अब्दुल खालिक ने बुधवार को कहा कि वाड्रा परिवार की बहू होने के कारण भारतीय परंपरा के अनुसार प्रियंका गांधी अब गांधी परिवार की सदस्य नहीं हैं। ऐसे में उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में उम्मीदवार बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह सर्वश्रेष्ठ प्रत्याशी होंगी।
बारपेटा के कांग्रेस सांसद ने एक ट्वीट में कहा, जैसा कि राहुल गांधी फिर से कांग्रेस अध्यक्ष बनने से इनकार कर रहे हैं। ऐसे में मैं प्रियंका गांधी को इसके लिए सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवार मानता हूं। वाड्रा परिवार की बहू होने के नाते वह भारतीय परंपरा के अनुसार गांधी परिवार की सदस्य नहीं हैं।
बाद में उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस का कार्यकर्ता होने के नाते मेरी यह भावना है। पार्टी के अगले अध्यक्ष को कार्यकर्ता तय करेंगे, कोई दूसरा इसे तय नहीं कर सकता। अगर राहुल गांधी अध्यक्ष बनना नहीं चाह रहे हैं तो प्रियंका गांधी इस जिम्मेदारी को संभालें। पार्टी कार्यकर्ताओं की यही भावना है।
बारपेटा से सांसद की यह प्रतिक्रिया अशोक गहलोत के उस बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान करते हैं। कार्यकर्ताओं की इच्छा है कि उन्हें संगठन का प्रभार लेना चाहिए लेकिन गांधी परिवार से कोई भी अगला कांग्रेस अध्यक्ष नहीं बनेगा।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने अपने ट्वीट में प्रसिद्घ उर्दू कवि मजरूह सुल्तानपुरी की शेर को ट्वीट किया। उन्होंने लिखा मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंजिल की ओर, लोग साथ गए और कारवां बनता गया। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि शशि थरूर अपने ट्वीट के जरिए अध्यक्ष पद की रेस में अपने बढ़ते समर्थन को दिखाना चाह रहे है। इससे पहले भी उन्होंने कहा था कि उन्हें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) अध्यक्ष चुनाव लड़ने के लिए देश भर के पार्टी कार्यकर्ताओं का समर्थन प्राप्त है। उन्होंने कहा था कि 30 सितंबर को सुबह 11 बजे वह अपना नामांकन दाखिल करेंगे।
राजस्थान में सियासी घमासान मचा हुआ है। गांधी परिवार की पहली पसंद अशोक गहलोत ने ही पूरे सेटिंग को गड़बड़ा दिया है। प्रदेश में पावर ट्रांसफर अब विवादों में है। अशोक गहलोत सीएम की कुर्सी का मोह छोड़ नहीं पा रहे हैं। उनको 28 सितंबर यानी आज कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन करना था। मगर अब तक उनके नाम का पर्चा ही कांग्रेस मुख्यालय से नहीं लिया गया है। वैसे सूचना मिल रही है कि अशोक गहलोत आज दिल्ली आ सकते हैं।