नई टिहरी(। दिल्ली-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग 507 की हालत नाजुक बनी है। बारिश के दौरान हाईवे पर आया मलबा पड़ा है। दीवारें जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो रखी है। हाईवे संकरा होने से वाहन चालकों आवाजाही में भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। एनएच 507 पर यमुना पुल-मसूरी बैंड से लेकर नैनबाग बाजार तक जगह-जगह बारिश के दौरान आया मलबा पड़ा है। सड़क की सुरक्षा दीवारें क्षतिग्रस्त होने से एनएच पर सफर करना जोखिम भर बना है। ग्राम प्रधान प्रदीप कवि, पूर्व प्रधान गंभीर सिंह रावत, अजीत रावत, देशपाल सिंह पंवार, मयंक बिजल्वाण ने बताया कि यमुनोत्री धाम की लाइव लाइन माने जाने वाले दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे गत 14 सितंबर को हुई अतिवृष्टि के कारण सुमन क्यारी, सिलासू पुल, मसूरी बैंड, यमुना पुल सहित कई स्थानों पर भारी भूस्खलन होने से जगह-जगह सड़क भूस्खलन की चपेट में आ गई। सड़क सुरक्षा के लिए बनी दीवारें भी क्षतिग्रस्त हो गई। एनएच की ओर से अभी सड़क पर बिखरा मलबा पूरी तरह से नहीं हटाया जा सका जिससे सड़क पर चलना जोखिम भरा बना है। आए दिन हाईवे पर वाहनों का लंबा जाम लगने से यात्री और स्थानीय लोग घंटों जाम में फंस जाते हैं। दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे से उत्तरकाशी, यमुनोत्री धाम, महासू देवता, हनोल, नागटिब्बा, हरकीदून, केदारकांडा, हिमाचल प्रदेश, रवाई घाटी, जौनसार बावर, मसूरी-देहरादून-विकास नगर सहित अन्य जगहों जाने वाले लोगों को इसी हाईवे से होकर जाना पड़ता है।
यमुना पुल से मसूरी बैंड तक लगभग 10 से 12 किलोमीटर सड़क की स्थिति बदहाल है। सड़क के किनारे पैराफिट तक नहीं है। स्थानीय लोगों द्वारा कई बार पैराफिट लगाने की मांग भी उठाई गई है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हो पाई। कहा कि अधिकारियों का आना जाना भी इसी सड़क से होता है। लेकिन कोई भी इस ओर ध्यान देने को तैयार नहीं है।