जड़ी-बूटी एवं सगंध पादपों के उत्पादन को दे बढ़ावा, विभाग किसानों की मदद करें
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी : जड़ी-बूटियों एवं सगंध पादप के उत्पादन एवं विपणन के सम्बन्ध में क्रेता-विक्रेता की एक दिवसीय कार्यशाला जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान की अध्यक्षता में जिला कार्यालय सभागार में सम्पन्न हुई। कृषि विभाग के तत्वाधान में आयोजित कार्यशाला में पांच उत्पादों का क्लस्टर के रुप में उत्पादन को लेकर जिलाधिकारी ने ठोस रुपरेखा तैयार करने के निर्देश दिये हैं। कहा कि जड़ी-बूटी एवं सगंध पादपों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विभाग किसानों को हर सम्भव मदद करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि यह ऐसे उत्पाद है जिनकों जंगली जानवरों से नुकासान की बहुत कम सम्भावना रहती है।
शानिवार को आयोजित जड़ी-बूटियों एवं सगंध पादप के उत्पादन एवं विपणन के सम्बन्ध में क्रेता-विक्रेता कार्यशाला में कम्पनियों की मांग के अनुरुप पांच उत्पादों कुटकी, हल्दी, बड़ी ईलाइची, आमला व बिच्छू घास के उत्पादन को लेकर जिलाधिकारी ने सम्बन्धित अधिकारियों को ठोस रुपरेखा तैयार करने के निर्देश दिये हैं। डीएम ने बैठक में उपस्थित किसानों को इन उत्पादों की खेती को बढ़ानें के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने स्थानीय उत्पादों को खरीदकर यूरोप के देशों में बेचने वाली कम्पनियों में शुमार अम्बे सहित अन्य कम्पनियों के प्रतिनिधियों को कहा कि स्थानीय जड़ी-बूटियों एवं सगंध पादपों के उत्पादन को बढ़ानें के लिए वे अपने स्तर से भी कलस्टर विकसित कर सकते है। इस हेतु इस क्षेत्र में लगे किसानों को प्रोत्साहित करते हुए समूह बनाकर कलस्टर विकसित किये जा सकते है। जिलाधिकारी ने कहा कि खेती-किसानी बहुत मेहनत का काम होने के साथ-साथ सामूहिक कार्य भी है, इसलिए अधिक लोगों से अधिक खेती जोती जा सकती है जिसका परिणाम अधिक उत्पादन के रुप में होता है। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अपूर्वा पाण्डे, मुख्य कृषि अधिकारी अमरेन्द्र कुमार, जिला उद्यान अधिकारी डॉ. डीके तिवारी, डीएम डीआईसी शैलेन्द्र डिमरी, कृषक भैषज इकाई राजेन्द्र सिंह, सुरेन्द्र चंद, रामसिंह रावत, सहदेव सिंह आदि उपस्थित थे।