निर्माण के तीन वर्ष बाद भी ग्वालगढ़ पुल की एप्रोच का नहीं किया डामरीकरण
पुल की एप्रोच में पड़े पत्थर वाहन चालकों को कर रहे चोटिल
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : कोटद्वार से कण्वाश्रम को जोड़ने के लिए ग्वालगढ़ गदेरे में पुल का निर्माण करवाने के बाद सरकारी सिस्टम पुल की एप्रोच का डामरीकरण करना ही भूल गया है। नतीजा एप्रोच में पड़े पत्थर वाहन चालकों को चोटिल कर रहे हैं। शिकायत के बाद भी सरकारी सिस्टम समस्या को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहा।
सरकारी सिस्टम अपनी जिम्मेदारियों को लेकर कितना लापरवाह है, इसका अंदाजा कोटद्वार से कण्वाश्रम को जोड़ने के लिए ग्वालगढ़ गदेरे पर बने पुल की स्थिति को देखकर लगाया जा सकता है। करोड़ों की लागत से बने इस पुल का निर्माण करने के बाद सरकारी सिस्टम पुल की एप्रोच का डामरीकरण करना ही भूल गया। नतीजा, एप्रोच रोड में बिछे खड़ंजे दोपहिया वाहन चालकों को चोटिल कर रहे हैं। डिग्री कालेज-मवाकोट मोटर मार्ग पर लोक निर्माण विभाग ने 182.66 लाख की लागत से तीस मीटर स्पान डबल लेन आसीसी सेतु का निर्माण किया। सात दिसंबर 2021 में तत्कालीन वन एवं पर्यावरण मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने पुल का लोकार्पण किया। लेकिन, लोकार्पण के तीन वर्ष बाद भी लोक निर्माण विभाग पुल की एप्रोच रोड का डामरीकरण नहीं कर पाया। नतीजा, वर्तमान में बदहाल पड़ी पुल की एप्रोच रोड वाहन चालकों के लिए चुनौती बन रही है। वाहनों की आवाजाही से एप्रोच रोड पर पड़े खडंजे दुर्घटनाओं को न्योता दे रहे हैं। पत्थरों की चपेट में आने से दोपहिया वाहन चालक भी अनियंत्रित होकर चोटिल हो रहे हैं।
लगातार बना है खतरा
रात के अंधेरे में एप्रोच रोड पर पड़े पत्थर दिखाई नहीं देते, जिससे आए दिन वाहन चालक चोटिल हो रहे हैं। दो दिन पूर्व भी कोटद्वार से मवाकोट की ओर जा रहा एक मोटर साइकिल सवार चोटिल हो गया था। बताना जरूरी है कि मालन नदी का पुल ढहने के बाद भाबर के अधिकांश लोग इसी मार्ग से आवाजाही कर रहे हैं। वहीं, पुल के आसपास बेहतर स्ट्रीट लाइट की भी व्यवस्था नहीं है।
‘पुल के लिए स्वीकृत धनराशि खत्म होने के कारण एप्रोच रोड पर डामर नहीं बिछ पाया। जिला योजना में एप्रोच रोड के डामरीकरण का प्रस्ताव भेजा जाएगा। धनराशि स्वीकृत होने के बाद एप्रोच रोड को डामरीकृत कर दिया जाएगा।
…डीपी सिंह, अधिशासी अभियंता, लोनिवि दुगड्डा खंड’