साइबर ठगी का वांछित शातिर पुलिस गिरफ्त में

Spread the love

पुलिस कर्मी की फेसबुक आईडी हैक कर उड़ाई थी 81 हजार से अधिक की धनराशि
जयन्त प्रतिनिधि।
पौड़ी।
पुलिस कर्मी से 81 हजार से अधिक की साइबर ठगी के वांछित को पुलिस ने करीब एक वर्ष बाद राजस्थान के भरतपुर से गिरफ्तार किया है। उक्त आरोपित का नाम विवेचना के दौरान आया था। मामले में तीन वांछित पूर्व में ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं। पुलिस का कहना है कि एक और वांछित को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
बीते वर्ष 19 जुलाई को पुलिस लाइन पौड़ी में तैनात रामानंद शर्मा ने कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई थी। कोतवाली में दी शिकायत में रामानंद ने बताया था कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने उनके मोबाइल नंबर पर काल कर कहा कि वह पुलिस मुख्यालय से बोल रहा है। उक्त व्यक्ति ने कहा कि मेरी तबीयत खराब चल रही है। मुझे पैंसों की आवश्यकता है। मेरे गूगल पे पर 1 हजार रुपये डाल दीजिए। रामानंद ने बताया कि जैसे ही उन्होंने उक्त व्यक्ति द्वारा भेजे गए गूगल पे के लिंक पर 1 हजार रुपये डाले तो उनके एकांउट से 81996 रूपये उड़ा दिए गए। कोतवाल विनोद गुसाई ने बताया कि उक्त प्रकरण में पूर्व में ही तीन वाांछित सुनील, योगेश व शकीर को पूर्व में ही गिरफ्तार किया जा चुका है। मामले की विवेचना में दो वांछितों मुस्तफा व साजिद का नाम प्रकाश में आया है। कोतवाल गुसाई ने बताया कि वांछित मुस्तफा को उसके गांव जीराहेड़ा जिला भरतपुर राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया गया है। कोतवाल ने बताया कि दूसरे वांछित साजिद की गरिफ्तारी के लिए भी पुलिस प्रयासरत है। जल्द इसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
इस तरह देते हैं ठगी को अंजाम
उक्त पांचों शातिर साइबर ठग भरतपुर राजस्थान के रहने वाले हैं, स्थानीय स्तर पर इनका गिरोह टटलू नाम से विख्यात है। जो ओएलएक्स पर वाहनों को ऑनलाइन बेचने का विज्ञापन देकर सरकारी कर्मचारी/अधिकारी बनकर एवं रिश्तेदार बनकर भोले भाले लोगों को अपने विश्वास में लेकर ठगी करते थें। इनमें एक व्यक्ति जो कॉलर होता है वह असम व विभिन्न जगहों से इकठ्ठे फेक सिम लाता है जिनको या तो खुद एसपीएएम कॉलिग के लिये इस्तेमाल करता है या मेंहगे दामों पर अन्य कॉलरों को प्रदान करता है। जिसके बाद इनके द्वारा विभिन्न जगहों से विभन्न नम्बरों पर कॉल किया जाता है व फोन पे, गूगल पे, ओएलएक्स के माध्यमों से लोगो को बेवकूफ बनाकर फेक पेटीएम अकाउण्ट में पैसा ट्रासफर कराया जाता है। जिसके बाद किसी अन्य व्यक्ति के जरिये इन पैसो को विभिन्न खातों में रोटेट कर कमीशन देकर नगद भुगतान कराया जाता है या पेट्रोल पंप इत्यादी को वढक से ट्रासफर कर तेल इत्यादि खरीद लिया जाता है, या फिर किसी व्यक्ति को बिना ब्याज के वढक ट्रांसफर कर छोटे समय के लिये कैश लोटाने की शर्त पर उधार दे दिया जाता है। उपरोक्त चैन में सम्मलित व्यक्तियों का अपना अलग- अलग कमीशन फिक्स होता है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *