पूजा-अर्चना के बाद फ्यूला नारायण मंदिर के कपाट बंद
चमोली। फ्यूलानारायण मन्दिर के कपाट रविवार को पूजा अर्चना एवं विधि विधान के साथ भूमिक्षेत्र पाल भर्की भूमियाल एवं भगवती दांणी की मौजूदगी में बंद हो गये। पूजा अर्चना के बाद पुजारी फ्यूया अब्बल सिंह एवं फ्यूयाण पार्वती देवी कंडवाल ने भगवान नारायण का श्रृंगार कर भगवान नारायण के कपाट बंद किये। विश्व कल्याण के लिए भगवान फ्यूलानारायण ध्यान अवस्था में हुये। अब अगले वर्ष जुलाई में फ्यूलानारायण मंदिर के कपाट खुलेंगे। उर्गम के संस्कृति धर्मी रघुवीर सिंह नेगी ने बताया कि उच्च परम्परा और पूजा अर्चना के बाद फ्यूला नारायण मंदिर के कपाट बन्द होने के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। बताया फ्यूला नारायण मंदिर में भगवान नारायण के श्रृंगार एवं पूजा अर्चना का अधिकार केवल महिलाओं को ही है। उर्गम घाटी में स्थित फ्यूलानारायण मंदिर हिमालय का अकेला एक मात्र ऐसा मंदिर है जहां महिलाओं को ही नारायण की साज श्रृंगार और पूजा का अधिकार है।
चतुर्भुज रूप में विराजमान हैं फ्यूला नारायण की मूर्ति:
फ्यूला नारायण मन्दिर के कपाट हर वर्ष श्रावण के निश्चित तिथि पर श्रद्धालुओं के लिए खुलते हैं और नन्दा अष्टमी के बाद नवमी तिथि को बन्द हो जाते हैं। फ्यूला नारायण की मूर्ति चतुर्भुज रूप में विराजमान है। नारायण की मूर्ति के दोनों तरफ जय विजय दो द्वारपाल हैं। संस्कृति धर्मी रघुवीर सिंह बताते हैं कि पौराणिक कथाओं के अनुसार मान्यता है कि नारायण के द्वार पाल जय विजय थे। नारद मुनि को एक बार प्रणाम न करने के कारण दोनों को श्राप दे दिया था। जिनका दूसरा जन्म रावण व कुम्भकरण के रूप में हुआ।
सोमालिया में सेना ने अल-शबाब के 27 लड़ाकों को मार गिराया, हथियार और वाहन किए नष्ट
मोगादिशु, एजेंसी। सोमालिया की सेना ने गाल्मुदुग प्रांत में चल रहे सैन्य अभियानों के तहत अल-शबाब के 27 आतंकवादियों को मार गिराया है। यह जानकारी सोमालिया की राष्ट्रीय सेना ने शनिवार को दी। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि शुक्रवार रात मिलिलिको, सील गंबर और बालाल धीर गांवों में चलाए गए अभियानों में अल-शबाब के तीन ठिकाने भी नष्ट कर दिया गया। मंत्रालय ने कहा, “दुश्मन के तीन ठिकानों को निशाना बनाया गया और उनके वाहनों तथा हथियारों सहित नष्ट कर दिया गया।”
ताजा सैन्य अभियान के संबंध में अल-शबाब की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई है। गौरतलब है कि सोमालिया की सेना ने क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सैनिकों के साथ मिलकर अल-कायदा से जुड़े सशस्त्र समूह को बेअसर करने के प्रयास तेज कर दिए हैं। सहयोगी बलों ने 2011 में आतंकवादी समूह अल-शबाब को मोगादिशु से बाहर खदेड़ दिया, लेकिन इस्लामी समूह अभी भी हमले करने, सरकारी प्रतिष्ठानों, होटलों, रेस्तरां और सार्वजनिक स्थानों को निशाना बनाने में सक्षम है।