देहरादून। पदोन्नति में शिथिलता की सुविधा जल्द बहाल किए जाने को कर्मचारी संगठनों ने दबाव तेज कर दिया है। निकाय चुनाव आचार संहिता लगने से पहले कर्मचारी संगठनों ने पदोन्नति में शिथिलता की सुविधा बहाल किए जाने की मांग की। जुलाई 2024 से ये सुविधा बंद पड़ी है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद अध्यक्ष अरुण पांडेय ने कहा कि पहले 30 जून 2023 को पदोन्नति में शिथिलता की सुविधा समाप्त हो गई थी। शासन ने बाद में जनवरी 2024 में इस सुविधा को सिर्फ छह महीने के लिए बहाल किया। सुविधा बहाल होते ही लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई। ऐसे में पूरे छह महीने का समय चुनाव में ही निकल गया। कर्मचारियों को पदोन्नति में शिथिलता का लाभ नहीं मिल पाया। विभागों में बड़ी संख्या में पदोन्नति के पद खाली पड़े हैं। जो शिथिलता का लाभ न मिलने के कारण भर नहीं पा रहे हैं। इन्हें तत्काल भरने को शिथिलता की सुविधा प्रदान की जाए। राज्य निगम कर्मचारी महासंघ अध्यक्ष सूर्यप्रकाश राणाकोटी ने कहा कि निकाय चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले ही पदोन्नति में शिथिलता की सुविधा बहाल की जाए। ताकि समय रहते कर्मचारियों के खाली पदों पर प्रमोशन हो सकें। राज्य कर्मियों के लिए होने वाले आदेश को सीधे ही निगमों के कर्मचारियों पर लागू किया जाए। निगमों के लिए अलग से आदेश कराने की व्यवस्था की बजाय आदेशों में एकरुपता लाई जाए। निगमों के कर्मचारियों को अपने लिए अलग से आदेश कराने को शासन के चक्कर काटने पड़ते हैं। इससे कर्मचारियों और शासन स्तर पर बेवजह समय खराब होता है।