जेल में उपवास कर रहा राजीव गांधी की हत्या का दोषी, परिवार ने हाई कोर्ट से लगाई इलाज की गुहार
चेन्नई, एजेंसी। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोषी मुरुगन उर्फ श्रीहरन को लेकर मद्रास हाई कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की गई है। याचिकाकर्ता का कहना है कि जेल में मुरुगन का जीवन खतरे में है। यह याचिका मुरुगन की 81 साल की सास एस पद्मा ने दाखिल की है। बता दें कि पद्मा की बेटी यानी मुरुगन की पत्नी नलिनी श्रीधरन भी पूर्व पीएम की हत्या मामले में दोषी हैं और इस वक्त परोल पर हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि मुरुगन ने 32 दिनों ने 32 दिनों से कुछ नहीं खाया है और उनका वजन 20 किलो कम हो गया है। इस समय वह वेल्लोर सेंट्रल जेल में है।
पद्मा ने हलफनामे में कहका है कि 8 अक्टूबर को उनके वकील पी पुगालेंती और एम एजिलारासू ने मुरगन से मुलाकात की थी। वह चलने फिरने और बोलने की भी स्थिति में नहीं था। उसका वजन बहुत कम हो गया है। वकीलों का कहना हैकि वह व्रत रख रहा है और 32 दिनों से कुछ नहीं खाया पिया। पद्मा ने कहा है, मुझे लगता है कि जेल प्रशासन के पास मेरे दामाद के जीवन को खतरा है।
उन्होंने कहा कि जानकारी मिलने के बाद जेल प्रशासन को भी एक निवेदन भेजा गया है। हालांकि उनके इस निवेदन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई। अब पद्मा ने कोर्ट से मांग की है कि तमिलनाडु सरकार और डीजी पुलिस, आईजी पुलिस को निर्देश दिया जाए कि मुरुगन का इलाज करवाया जाए।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी एजी पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया था। इसके बाद तमिलनाडु सरकार ने कहा है कि बाकी के 6 दोषियों की रिहाई के लिए भी कानूनी जानकारों से सलाह ली जाएगी। इस मामले में नलिनी, उसका पति मुरुगन, संथान, रवीचंद्रन, जयाकुमार और रबर्ट पयास वे दोषी हैं जो कि जेल में हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में नलिनी को उम्र कैद की सजा सुनाई थी और बाकी को सजा-ए मौत। हालांकि 2018 में तमिलनाडु कैबिनेट ने उनकी रिहाई के लिए एक प्रस्ताव पास किया था। याचिकाकर्ता ने 2018 के कैबिनेट के फैसले का जिक्र करते हुए कहा है कि 31 साल बाद भी उनके दामाद को रिहा नहीं किया गया है। ??