उत्तराखंड

आंदोलित श्रमिकों के परिवार ने किया एएलसी कार्यालय का घेराव

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रुद्रपुर। पिछले लंबे समय से आंदोलित इंटरार्क श्रमिकों के परिवार की महिलाओं और बच्चों ने एएलसी कार्यालय का घेराव किया और बाल पंचायत के माध्यम से कंपनी प्रबंधन के खिलाफ भड़ास निकाली। आरोप था कि प्रबंधन नियमों को ताक पर रखकर कंपनी को बंद करने का निर्णय लिया, जबकि कई माह से श्रमिकों का वेतन भी नहीं दिया गया। बावजूद शासन-प्रशासन ने श्रमिकों की कोई सुध नहीं ली। उन्होंने आगाह किया कि यदि उनकी मांगों पर गौर नहीं किया तो आंदोलन किया जाएगा। इस दौरान कांग्रेस महिला मोर्चा की वरिष्ठ उपाध्यक्ष मीना शर्मा सहित कांग्रेस नेताओं ने भी आंदोलन को अपना समर्थन दिया। बुधवार को इंटरार्क मजदूर संगठन के अध्यक्ष दलजीत सिंह और महामंत्री सौरभ कुमार की मौजूद्गी में बड़ी संख्या में आंदोलित श्रमिक अपने परिवार के साथ एएलसी कार्यालय पहुंचे। जहां श्रमिकों के परिवार की महिलाएं और बच्चों ने कार्यालय पर बाल पंचायत कर अपनी मांगों को रखा। लोगों ने 30 मई को शासन द्वारा कंपनी की तालाबंदी को गैर कानूनी करार दिया था। इसके अलावा एक जून को कुमाऊं स्तरीय प्रशासनिक अधिकारियों ने जल्द ही तीन माह का रोका गया वेतन भी बहाल करने की बात आई। बावजूद इसके पिछले तीन माह से कंपनी की तालाबंदी नहीं खुली और अभी तक परिवार के मुखिया का वेतनमान भी नहीं दिया गया। जिसको लेकर श्रमिकों ने कई बार महापंचायत, धरना प्रदर्शन और ज्ञापन के माध्यम से शासन-प्रशासन को अवगत कराया। इसके बाद भी अभी तक कंपनी की तालाबंदी बहाल नहीं हुई और तीन माह का वेतनमान भी नहीं दिया गया। आगाह किया कि यदि जल्द ही दो सूत्रीय मांगों पर विचार नहीं हुआ तो आंदोलित श्रमिकों के परिजन उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे। यहां लक्ष्मण सिंह, कैलाश भट्ट, प्रतिमा दुबे, नितिका साहू, जोशना, सुनीता पांडे, गायत्री देवी, मालती देवी, ममता पानू, रामजीत कुशवाहा आदि मौजूद थे।

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