36 तीर्थयात्रियों का पहला जत्था 6 साल बाद सिक्किम के गंगटोक पहुंचा

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-कैलाश मानसरोवर यात्रा
गंगटोक, कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए 36 तीर्थयात्रियों का पहला जत्था छह साल बाद सिक्किम की राजधानी गंगटोक पहुंचा. तीर्थयात्री सिक्किम में नाथू ला दर्रे और तिब्बत के शिगात्से शहर से होते हुए कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील तक पहुंचेंगे.
एक अधिकारी ने सोमवार को कहा कि 20 जून को तीर्थयात्री भारत-चीन सीमा पार करेंगे. उन्होंने कहा कि समूह, जिसमें विदेश मंत्रालय के दो अधिकारी भी शामिल हैं, रविवार शाम को गंगटोक पहुंचा.
पर्यटन और नागरिक उड्डयन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सी एस राव ने कहा कि तीर्थयात्री पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में बागडोगरा हवाई अड्डे पर उतरे और सड़क मार्ग से गंगटोक पहुंचे. उन्होंने कहा कि पर्यटन विकास निगम के अधिकारियों ने रेनॉक में एक बंगले में उनका स्वागत किया.
इस साल, यात्रा के लिए 750 भारतीय तीर्थयात्रियों का चयन किया गया है, जिनमें से 500 नाथू ला मार्ग से 10 समूहों में और 250 उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रे से यात्रा करेंगे. अधिकारी ने कहा कि, तीर्थयात्रियों का पहला जत्था रविवार रात को गंगटोक में रुका और सोमवार को यात्रा पर निकल पड़ा, वे 16 जून को 17 मील में अनुकूलन के लिए रुकेंगे और फिर 20 जून को भारत-चीन सीमा पार करने से पहले सेराथांग जाएंगे.
उन्होंने कहा कि, नाथू ला-कैलाश मानसरोवर यात्रा एक सरकार-से-सरकार (जी-टू-जी) आधारित तीर्थयात्रा है, और सिक्किम पर्यटन विकास निगम (एसटीडीसी) पूरी यात्रा के लिए जिम्मेदार होगा. उन्होंने कहा कि एसटीडीसी गंगटोक से कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील तक और वापस तीर्थयात्रियों की यात्रा का ख्याल रखेगा.

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